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नौकरी देने के नाम पर 100 महिलाओं की कपड़े उतारकर जांच…10-10 के समूहों में निर्वस्त्र खड़ा रहने को कहा…प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किए…

गुजरात के सूरत में राज्य सरकार द्वारा संचालित सूरत म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (एसएमसी) के कर्मचारी संघ ने म्यूनिसिपल अधिकारी के सामने एक चौंकाने वाली घटना की शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कहा गया कि फिटनेस टेस्ट के नाम पर हैरान करने वाली हरकत की गई है।

शिकायत में संघ ने कहा है कि तकरीबन 100 ट्रेनी कर्मचारियों को उस समय हैरानी हुई, जब वे अनिवार्य फिटनेस टेस्ट के लिए सूरत नगर आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान पहुंचे। इस दौरान पहले महिला ट्रेनी क्लर्क को 10-10 के समूहों में निर्वस्त्र खड़ा रहने को कहा गया।



इसके बाद उनकी प्राइवेसी को लेकर भी असंवेदनशीलता दिखाई गई और उनकी प्रेग्नेंसी जांच हुई। महिला डॉक्टरों ने प्रेग्नेंसी से संबंधी टेस्ट किए और उनसे व्यक्तिगत सवाल भी पूछे। इस मामले में अस्पताल के स्त्री रोग विभाग के प्रमुख आश्विन वछानी ने बताया कि हॉस्पिटल के गाइडलाइन्स के मुताबिक, महिलाओं की शारीरिक जांच अनिवार्य है।

हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ऐसी जांच पुरुषों की होती है या नहीं लेकिन महिलाओं के मामले में हमें इन नियमों का पालन करना पड़ता है और जांच करनी होती है कि कहीं किसी महिला को किसी तरह का रोग तो नहीं है।


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बता दें कुछ दिन पहले गुजरात के ही भुज में पीरियड्स की जांच के लिए 68 छात्राओं के कपड़े उतरवाए जाने का मामला सामने आया था। इस घटना का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने जांच के लिए एक टीम भी गठित की थी।

हालांकि बाद में महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जांच करने पहुंची टीम को यह बताया गया कि छात्राओं को इससे कोई समस्या नहीं है। मुद्दा यह था कि छात्राओं के पीरियड्स हैं या नहीं, यह जांचने के लिए कैसा तरीका अपनाया गया है।

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