रायपुर। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा के इस्तीफे के बाद अब चेंबर में महासंग्राम बढ़ने लगा है। एक और बरलोटा समर्थक कारोबारी जैन समाज के सदस्य एकजुट हो रहे हैं और दूसरी और एक गुट का कहना है कि बरलोटा इस्तीफे पर अड़े हैं तो उन्हें मनाने के बजाय इस्तीफा स्वीकार कर चुनावी प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि मान-मनौवल का दौर माह भर तक चलेगा। त्योहार के बाद चुनाव भी कराया जा सकता है। क्योंकि यह नियम है कि इस्तीफा स्वीकार होने के माह भर बात चुनाव कराना ही होगा।
चेंबर में 14000 से अधिक कारोबारी हैं, इसमें सिंधी समाज का वर्चस्व है। इसके बाद जैन समाज और अग्रवाल समाज व्यापारियों की संख्या है। जैन समाज के सदस्य लगभग 3 हजार हैं। कुछ दिन पहले जैन समाज के कुछ व्यापारियों ने बैठक की थी इसमें निर्णय लिया गया था कि बरलोटा चेंबर में नहीं रहेंगे तो वह भी चेंबर से इस्तीफा दे देंगे और शुल्क वापस ले लेंगे। हालांकि इस बैठक में उपस्थित सुरेश बाफना ने कहा कि यह बैठक जैन समाज की न होकर केवल व्यापारियों की थी। वह चाहते हैं कि बरलोटा अध्यक्ष रहे।
जल्दी हो सकती है बरलोटा को लेकर कार्यकारिणी की बैठक
सूत्रों का कहना है कि इस हफ्ते अगले हफ्ते की शुरुआत में बरलोटा के इस्तीफा को लेकर चेंबर कार्यकारिणी की बैठक हो सकती है। इस बैठक में कोई ना कोई फैसला होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि बरलोटा इस विषय पर अड़े रहे तो बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है।
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