नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दागी नेताओं के चुनाव लड़ने से रोकने वाली याचिकाओं पर आज यानी मंगलवार को अपना फैसला सुना सकता है। दायर की गई जनहित याचिकाओं में सवाल उठाया गया है कि आपराधिक सुनवाई का सामना कर रहे सांसद, विधायकों को उनके खिलाफ आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता है या नहीं।
पांच जजों की ये संविधान पीठ सुनाएगी फैसला:
- जस्टिस दीपक मिश्रा
- जस्टिस आरएफ़ नरीमन
- जस्टिस एम खानविलकर
- जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
- जस्टिस इंदु मल्होत्रा
इस मामले के याचिकाकर्ता:
- NGO पब्लिक इंटरेस्ट फ़ाउंडेशन
- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेसी लिंगदोह
- BJP के वकील अश्विनी उपाध्याय
याचिकाकर्ताओं की दलील:
- सुनवाई में जानबूझकर देरी की जाती है
- क़ानून तोड़ने वाले ही बन जाते हैं क़ानून बनाने वाले
- आरोप तय होने पर नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगे
केंद्र सरकार की दलील:
- जब क़ानून मौजूद तो अदालत क़ाननू नहीं बना सकती
- नई अयोग्यताएं जोड़ना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं
- ये संसद का अधिकार और कोर्ट इसमें दख़ल नहीं दे सकती
- चुनाव से पहले राजनीतिक विरोधी एक-दूसरे पर केस करेंगे
कितने नेताओं पर आपराधिक मामले:
- 1518 नेताओं पर केस, 98 सांसद
- 35 पर बलात्कार, हत्या और अपहरण के आरोप
- महाराष्ट्र के 65, बिहार के 62, पश्चिम बंगाल के 52 नेताओं पर केस
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