
सुकमा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के की वजह से सरपंच सचिव ने इस गांव से दूरी बना ली थी, जिसके चलते गांव के लोगों ने गांव का विकास करने के लिए सडक़ निर्माण कर ली। विकास कार्यों की अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है।
संवेदनशीलता का हवाला देकर सरकार ने भी इन इलाकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। नक्सलियों के दखल वाले इलाकों में ग्रामीण श्रमदान कर गली-मोहल्ले में सडक़ बनाने का काम कर रहे हैं. कोंटा विकासखंड के पालामडग़ु, जग्गावरम, कोलाईगुड़ा, दंतेशपुरम, डब्बाकोंटा समेत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में ग्रामीण मिट्टी की सडक़ बना रहे है।
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