बिलासपुर। ऑनलाइन दवा कारोबार यानि ई-फार्मेसी के विरोध में शुक्रवार 28 सितंबर को दवा की दुकानें बंद रहेंगी। कैमिस्ट एसोसिएशन इसे काला कानून मानकर विरोध करते हुए हड़ताल का ऐलान कर दिया है। बीमारियों के सीजन में दवा विक्रेताओं की हड़ताल से खलबली मचेगी।
जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष हरजीत सिंग सलुजा ने बताया कि भारत सरकार ने आनलाइन यानि ई-फार्मेसी को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है। जिस पर आपत्तियां दर्ज कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस नोटिफिकेशन से सराकार की मंशा साफ नहीं है। इसे लागू होने के बाद भ्रष्टाचार एवं नशाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।
संघ के सचिव कपीलहरि रामानी ने कहा कि दवा विक्रेताओं के खिलाफ दमनकारी नीतियों के विरोध में सभी विक्रेता एकजुट होकर कानून को वापस करने की मांग करेंगे। सरकार की दवा नीति के विरोध में देश व्यापी हड़ताल की जा रही है।
उनका कहना है ई-फार्मेसी में अस्पताल, मरीज व लोग ऑनलाइन दवाई खरीदेंगे तो हमसे कौन दवाई खरीदेगा। जिला चिल्लहर औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष शेखर मुदलियार और सचिव प्रभात साहू ने बताया कि यह विरोध ऑल इंडिया आर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आह्वान पर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फार्मेसी के माध्यम से आम लोग दवाइयां, युवा वर्ग नशे में प्रयोग हो सकने वाली दवाइयां और नवयुवतियां गर्भपात से संबंधित दवाइयां मनमर्जी अनुसार मंगवा लेते हैं, जहां रिटेलर इन दवाओं को शासन के नियमों का पालन करते हुए उपलब्ध करवाते है।
इससे युवा वर्ग, युवतियां नशे की चपेट में आने से बच जाती हैं। परंतु ऑनलाइन फार्मेसी वाले निरंकुश हो, आसानी से नियमों को ताक पर रखकर दवाइयां खुलेआम उपलब्ध करवा देते हैं ,जो समाज के लिए घातक भी है। इसके विरोध में दवा व्यापारी 27 सितंबर की रात 12 बजे से शुक्रवार 28 सितंबर की रात 12 बजे तक अपने प्रतिष्ठान (दुकानें) बंद रखेंगे। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को टोल फ्री नंबर के माध्यम से इमरजेंसी में दवाईयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
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