रायपुर। पिछले दिनों लगातार 41 दिनों से हड़ताल पर बैठे संजीवनी कर्मचारियों को अब भी राहत नहीं मिली है, हालांकि लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल और दबाव के चलते सरकार द्वारा बातचीत कर इन्हें आश्वासन दिया गया था की इनकी जायज मांगें पूरी कर निशर्त वापस ले लिया जाएगा।
लेकिन हड़ताल खत्म करने के 25 दिन बाद भी इन्हें नौकरी पर बहाल नहीं किया गया है। और इन्हें नौकरी वापस ज्वाइन करने के लिए एक शपथ पत्र भरने की प्रक्रिया जीवीके कंपनी द्वारा कराई जा रही है।
बता दें कि प्रदेश भर के संजीवनी कर्मचारी अपनी छ: सूत्रीय मांगों को लेकर 16 जुलाई से हड़ताल पर बैठे हुए थे, इस दौरान कई प्रदर्शन और घेराव इन कर्मचारियों द्वारा किए गए और आखिरकार 25 अगस्त को भारतीय मजदूर परिषद् के तत्वाधान में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर और जीवीके कंपनी से इनकी चर्चा हुई, इस चर्चा में इनके कुछ मांगों पर सरकार और कंपनी की सहमति भी बनी।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री और कंपनी के द्वारा इन्हें आश्वस्त किया गया कि इनकी मांगें पूरी कर निशर्त ही इन्हें भर्ती कर लिया जाएगा। आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली।
लेकिन हड़ताल के बाद जब ये कर्मचारी जीवीके वापस ज्वाइन करने गए तो इन्हें 10 रूपए के स्टाम्प पर शपथ पत्र भरने को कहा गया, जिसमें साफ तौर पर यह लिखा हुआ है की कर्मचारी इसे भरने के बाद दुबारा कभी अपनी मांग नहीं रख सकेंगे, और ना ही कोई हड़ताल कर सकेंगे।
इस वजह से अब भी हजारों कर्मचारियों ने ज्वाइनिंग नहीं ली है और आज भी संजीवनी जैसी आपातकालीन सेवा नए लोगों के भरोसे चल रही है। कर्मचारियों में इसे लेकर काफी आक्रोश है जिसके चलते कल से वे लगातार जीवीके कंपनी का घेराव करेंगे।
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