रायपुर। सेरोगेसी मामले में रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल किए जाने को लेकर डॉ. पुर्णेन्द्रू सक्सेना ने कहा कि रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल करने की वे लिखित में शिकायत करेंगे। डॉ. सक्सेना का कहना है कि इस मामले में उनका नाम घसीटा जाना उन्हें बदनाम करने की साजिश है। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।
आपको बता दें कि बच्चा खरीद-फरोख्त मामले में डॉ. शानू मसीह का नाम सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस महिला डॉक्टर के क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन नंबर 1030 पाया गया। जबकि ये नंबर आरएसएस के प्रांत सह संघचालक डॉ. पुर्णेन्द्रू सक्सेना का व्यक्तिगत पंजीयन नंबर है। उनका साफतौर पर यह कहना है कि उक्त महिला डॉक्टर ने उनके रजिस्टे्रशन नंबर का इस्तेमाल किया है। इसकी शिकायत लिखित में संबंधित संस्थानों में करेंगे।
जानकारी के हिसाब से क्लिनिक और डॉक्टर को अलग-अलग पंजीयन नंबर अलॉट किया जाता है। अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है इसके तहत डॉ. शानू मसीह ने जिस रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल अपनी क्लिनिक के लिए किया है, वह डॉक्टर पुर्णेन्द्रू सक्सेना को चिकित्सकों को दिया जाने वाला व्यक्तिगत पंजीयन (1030) नंबर है। जबकि पूर्णेन्द्रू सक्सेना के हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन नंबर कुछ और है। डॉ. शानू मसीह ने अपने क्लिनिक के बाहर लगे बैनर में जिस नंबर का इस्तेमाल किया है, वह उनका व्यक्तिगत नंबर है या क्लिनिक के लिए दिया गया पंजीयन नंबर है, यह स्पष्ट नहीं है। क्लिनिक के बाहर लगे नंबर को पुर्णेन्द्रू सक्सेना के साथ जोड़ा जा रहा है।
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