रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कई कलेक्टरों पर भाजपा के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लग रहा है। कांग्रेस ने सुकमा और बिलासपुर के कलेक्टरों की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायतों की जांच शुरू कर दी है।
सुकमा कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य पर स्वीप कार्यक्रम के दौरान भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा है। बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद को हटाने की मांग इस आधार पर की गई है कि उन्होंने कवर्धा कलेक्टर रहते हुए भाजपा के पक्ष में पंचायत चुनाव को प्रभावित किया था।
निर्वाचन आयुक्त को दी गई शिकायत में कांग्रेस ने कहा है कि पिछले 15 वर्ष से प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्ठा भाजपा और RSS के प्रति है। कई कर्मचारी अधिकारी RSS के सदस्य हैं। उनसे निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं है।
ऐसे समस्त चुनाव अधिकारी और कर्मचारियों को सूचना पत्र भरवाया जाए कि वह RSS या किसी राजनैतिक सहयोगी संस्था से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष जुड़े नहीं है। यदि कोई अपनी पहचान छुपाता है तो शिकायत पर कार्यवाही होनी चाहिए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने साफ किया कि किसी भी अधिकारी कर्मचारी के किसी के पक्ष में काम करने की जानकारी मिलती है तो उसे तत्काल निर्वाचन कार्य से अलग किया जाएगा। चुनाव खर्च में मंत्रियों के दबाव में काम करते हैं।
अफसर कांग्रेस नेता किरणमई नायक ने आरोप लगाया है कि चुनाव में अनाप-शनाप खर्च करने के बाद मंत्री चुनाव अधिकारियों पर दबाव डालते हैं और शिकायतों का निराकरण किए बिना ही परिणाम घोषित कर दिया जाता है।
यह है कलेक्टरों के खिलाफ शिकायत
1. सुकमा में तेंदूपत्ता त्यौहार में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, SDM, तहसीलदार, पटवारी पर भीड़ बढ़ाने के लिए दबाव डाला जाता है।
2. मतदाताओं को विभिन्न गांव से 2 दिन पहले ला कर खाना खिलाकर मतदान के बाद वापस भेजा जाएगा यह सरकार के पक्ष में मतदान कराने की साजिश है।
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