देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब उन डॉक्टरों पर शिकंजा कसने जा रही है, जिन्होंने रियायती दरों पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरी की पढ़ाई की और डिग्री लेकर राज्य से बाहर निकल गए है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के कई बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी इन तमाम डॉक्टरों ने राज्य में वापसी नहीं की है।
राज्य सरकार से करार के अनुसार इन डॉक्टरों को उत्तराखंड में कम से कम 5 साल सेवा देना अनिवार्य था, लेकिन इन डॉक्टरों ने 5 साल राज्य में सेवा देने की शर्त का पालन नहीं किया। यही वजह है कि अब स्वास्थ्य महकमा इन डॉक्टरों से एक करोड़ रुपए तक पेनल्टी के तौर पर वसूलने की तैयारी में है। इसके साथ ही सरकार भगोड़े डॉक्टरों के मेडिकल रिकॉर्ड, सर्टिफिकेट को भी निरस्त करने जा रही है। विभाग की इस कार्रवाई के बाद ये डॉक्टर राज्य में प्रैक्टिस भी नहीं कर पाएंगे।
यह भी देखें : HIV पीडि़तों से अब ऐसा करना होगा अपराध, 2 साल की कैद, एक लाख जुर्माना, अधिसूचना जारी
Add Comment