रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के सेवानिवृत एडीजी तथा हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व आईपीएस आरसी पटेल ने रायपुर कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व आईएएस ओपी चौधरी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने श्री चौधरी के भाजपा में प्रवेश को लेकर कई सवाल भी उठाए हैं।
एक बयान जारी कर श्री पटेल ने कहा है कि आईएएस की सेवा से इस्तीफा देकर राजनीतिक दल में शामिल होना आदर्श आचरण का उल्लंधन है। नियमानुसार ओपी चौधरी को सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के दो साल बाद राजनीति में प्रवेश करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि वे खुद आईपीएस अधिकारी के रूप में रिटायर होने के दो साल बाद राज्य सरकार के अधीन पुलिस प्राधिकार में नियुक्त हुए थे। इस अधिकारियों को सरकारी नौकर छोडकर सीधे राजनीति में आने से भष्ट्राचार को बढ़ावा मिलेगा। यह ऐसे कि कोई अधिकारी सरकारी धन का इस्तेमाल किसी खास क्षेत्र जैसे नगर निगम या विधानसभा क्षेत्र में ही खर्च करना शुरु करे।
उसके बाद नौकरी छोडक़र उसी क्षेत्र से चुनाव लडऩे आ जाए तो जाहिर है इसे भ्रष्टाचार बढ़ेगा ही। आरसी पटेल ने कहा कि ओपी चौधरी के चुनाव लडऩे संबंधी जो खबरें मीडिया में आ रही है उसे देखते हुए लगता है कि खरसिया के कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के खिलाफ किसी प्रकार की राजनीतिक साजिश की जा रही है।
यह भी प्रतीत होता है कि झीरम घाटी कांड के बाद तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे स्व.नंदकुमार पटेल के परिवार के प्रति संवेदना की जो बातें मुख्यमंत्री ने कही थी वह औचित्यहीन थी। चौधरी के खरसिया से चुनाव लडऩे की खबरों पर आरसी पटेल ने ये भी कहा है कि एक आईएएस किसी क्षेत्र विशेष के लिए न होकर देश के लिए होता है।
आईएएस अधिकारियों का चयन करने वाले बोर्ड को अगर इंटरव्यूह में पता लग गया होता कि ओपी चौधरी देश के लिए नहीं किसी क्षेत्र विशेष के लिए काम करने की क्षेत्रीय मानसिकता रखते हैं तो उनका चयन भी अखिलभारतीय सेवा के लिए नहीं किया जाता। (एजेंसी)
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