रायपुर। शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा 2 सितम्बर की समरसता बैठक में फेडरेशन सहित सभी संगठनों का स्वागत है। एकजुटता का प्रयास सफल होते दिखा। साथ मिलकर बनेगी रणनीति तभी बनेगी बात।
उन्होंने कहा कि संविलियन पश्चात प्रदेश के शिक्षाकर्मियों के बीच, एक ओर लंबे संघर्ष के बाद मिली शासकीयकरण की खुशी रही तो दूसरी ओर संविलियन से छूटे हुए तथा सहायक शिक्षक (वर्ग3) अपने न्यूनतम वेतनमान को लेकर असंतोष दिखा। प्रदेश के शिक्षाकर्मी संविलियन आंदोलन के पूर्व लगभग 14 संगठन अपना अलग-अलग गतिविधियां करते रहे किन्तु उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी, एकजुट होकर लडऩे की आवश्यकता ने ही मोर्चा को जन्म दिया और प्रदेश के प्रमुख 5 संगठन मिलकर इसी मोर्चा के बैनर तले संविलियन आंदोलन का बिगुल फूंका। शिक्षाकर्मियों की एकजुटता ने ही सरकार को संविलियन प्रदान करने हेतु बाध्य किया।
आज शिक्षाकर्मी फिर से वेतन विसंगति, वर्ष बन्धन,समयमान/क्रमोन्नत, अनुकम्पा नियुक्ति जैसे मुद्दों का समाधान चाह रहा है,और कुछ सन्गठन अलग अलग तरीके से शासन तक अपनी बात पहुचाने की कोशिश कर रहे हैं,किन्तु अपेक्षित सफलता किसी को भी नहीं मिली है।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने इन समस्याओं के समाधान हेतु पुन: एकजुटता को बल दिया और इस हेतु सार्थक कदम उठाते हुए प्रदेश में समस्त शिक्षाकर्मी सन्गठन,फेडरेशन की एक समरसता बैठक आयोजित करने का कार्यक्रम 2 सितम्बर को रायपुर में रखा गया जिसमें समस्त शिक्षाकर्मी संगठन और फेडरेशन को आमंत्रण दिया जावेगा।
समरसता के साथ एकजुटता की शुरुआत सर्वप्रथम वीरेन्द्र दुबे ने केदार जैन के निवास पर जाकर किया, जिसे संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के प्रान्तअध्यक्ष ने सहर्ष स्वीकार किया तदुपरांत 24 अगस्त को रायपुर में मोर्चा की बैठक आयोजित की गई जिसमें मोर्चा के 4 प्रांताध्यक्ष शामिल हुये, और यह तय किया गया कि 2 सितम्बर को रायपुर में समरसता बैठक आयोजित की जावेगी जिसमे प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मी सन्गठन और वर्तमान में निर्मित फेडरेशन को आमंत्रित किया जावेगा फिर सबकी सहमति से इन समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक और उचित रणनीति बनाई जावेगी।
उल्लेखनीय है कि वेतन विसंगति,क्रमोन्नति/समयमान,वर्ष बन्धन,अनुकम्पा को लेकर विगत दिनों कुछ संगठन और फेडरेशन ने एक दिवसीय प्रदर्शन किया था, किन्तु सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई। आनेवाले समय मे निर्वाचन कार्य प्रारम्भ हो जाएगा, आचार संहिता लगने के बाद कुछ भी कर पाना असंभव है। वर्तमान में कोई भी एक संगठन के द्वारा किया गया कोई भी कार्य परिणाम दे पाने में असक्षम है। इसलिये प्रदेश के शिक्षाकर्मी भी चाह रहे हैं जो भी हो..चाहे वह महासम्मेलन हो या फिर महाआंदोलन सभी मिलकर करें तभी परिणाम आएगा।
अत: प्रांताध्यक्ष विरेन्द्र दुबे,केदार जैन,विकास राजपूत,चन्द्रदेवराय ने अपील किया है कि 2 सितम्बर की समरसता बैठक में समस्त सन्गठन प्रमुख और फेडरेशन के नेतृत्वकर्ता उपस्थित हों। मोर्चा के 24 अगस्त की बैठक में अनुपस्थित रहे संजय शर्मा भी इस महती बैठक में अवश्य शामिल हों ताकि समस्त शिक्षाकर्मियों के हितों का ध्यान रखते हुए एक रणनीति बनाई जा सके।
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने जानकारी दी कि यह समरसता बैठक आशीर्वाद भवन रायपुर में आयोजित की जावेगी, साथ ही अनुकम्पा के जितने भी लम्बित प्रकरण वाले दिवंगत शिक्षाकर्मी के परिजन है वह भी जरूर पधारें ताकि इन प्रकरणों के निराकरण हेतु ठोस पहल की जा सके।
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