रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महानगर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी और छतीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टण्डन की श्रद्धाजली सभा का आयोजन हुआ। इसमें रायपुर विभाग के संघचालक श्री दानीराम वर्मा , महानगर संघचालक श्री उमेश अग्रवाल, सहित स्वमसेवको ने दोनो को पुष्प अर्पित कर श्रधंजलि दी।
सभी उपश्थित जनों ने स्वर्गिय अटल और स्वर्गीय टण्डन के किये गए कार्यों को याद किया।
पूर्व राज्यसभा सांसद श्री श्रीगोपाल व्यास ने कहा -उनका व्यतिव्व महान था। उनकी लिखी कविताएं जन जन तक पहुची । हिदी में हिन्दू की इतनी अच्छी कविता के माध्यम से व्याख्या आज तक किसी ने नहीं की। स्वर्गीय बाजपेयी पहले जनप्रतिनिधि थे जिन्होंने सँयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण देकर भारत का गौरव बढ़ाया।
श्री व्यास ने कहा कि स्वर्गीय टण्डन छतीसगड़ के राज्यपाल थे। उनका समाज और देश के प्रति अतुलनीय योगदान था।
श्री आइ एस मिश्रा ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि वे स्वर्गीय अटल जी के साथ Dav कालेज में अध्यनरत थे और एक ही छात्रा वास में रहते थे। अटल जी उन्हें प्रतिदिन शाखा में जाने के बुलाने आते थे। उनके जैसा व्यक्तिव सदियों तक जन्म नहीं ले सकता।
श्री शारदा प्रसाद शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी प्रखर वक्ता थे। उनकी वाणी देववाणी थी। उन्होंने कहा क कि 1944की संघ शिक्षा वर्ग में वे साथ थे। उस वर्ग में गुरु गोवलकर ने अटल स्वयंसेवक के रूप परिचय दिया था। स्वर्गीय अटल युवा सम्राट थे।
उन्होंने युवाओं के प्रेरणास्त्रोत है। श्री शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी को 1955 में छती स गड़ कालेज में आमंत्रित किया गया तब भाषण समाप्त होने के बाद छात्रों ने भाषण की तारीफ करते हुए कहा कि भाषण में वह नहीं था जो वह चाहते थे पर अर्थात राजनीित। इस पर अटल जी ने उत्तर दिया कि हर जगह की मर्यादा होती है यह शिक्षा संस्थान है, यहां के अनुसार ही चर्चा करना चाहिए। स्वर्गीय टंडन सहज व्यक्तिव के थे।
उन्हें छतीसगढ़ के प्रति अपार स्नेह था। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक श्री प्रेमशंकर सि दार विभाग सहसंघ चालक भास्कर किन्हेकर सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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