रायपुर। स्वास्थ विभाग द्वारा प्रदेश में 470 मरीजों को डेंगू होने के पुष्टि के बाद भी राज्य सरकार द्वारा इसे महामारी के रूप में स्वीकार नहीं करने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि प्रदेश में डेंगू उत्पात मचा रहा है और डॉ रमन सिंह की सरकार उसके पैदा होने के कारक जमे हुये पानी की तरह शांत बैठी है।
सच्चाई यह है कि स्वास्थ विभाग द्वारा पुष्टि की गयी डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या छत्तीसगढ़ के बड़े जिला अस्पतालों और बड़े निजी मल्टिस्पेलिटी अस्पतालों के द्वारा पहचान किये गये मरीजों की है। प्रदेश के दूरस्थ अंचलो के शासकीय व निजी अस्पतालों जहां डेंगू जाँच की किट उपलब्ध नहीं है वहां तो आज भी पहचान के अभाव में डॉक्टर इन मरीजों को आम मौसम आधारित बीमारी मान कर उसका इलाज कर रहे है और प्रदेश के बहुसंख्यक गरीब जनता अनायास ही काल के गाल में समा रहे है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखने वाले से मुख्यमंत्री रमन सिंह से जानना चाहा है कि क्या वे डेंगू को अतिमारक गंभीर बीमारी मानते है या नहीं ? फिर लगभग एक माह से जानकारी के बाद भी इन्होने इसे रोकथाम के लिए केबिनेट की बैठक आयोजित कर युद्ध स्तर पर इससे निपटने के लिये कोई नीति अब तक क्यूँ नहीं बनाई ?
क्यों स्वास्थ विभाग द्वारा उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश के सभी अस्पतालों को डेंगू के पहचान सम्बंधित दिशा निर्देश एवं आम लोगो की जाकरूकता के लिए डेंगू के लक्षण अब तक जारी नहीं किया ? और मरीज अपनी इस बीमारी को लेकर दर दर भटकने मजबूर है ?
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि डॉ रमन सिंह की सरकार पुरे प्रदेश के समुदायिक स्वास्थ केंद्र तक डेंगू की किट उपलब्ध नहीं करायी है बल्कि स्मार्ट कार्ड से डेंगू के मरीजों के ईलाज के लिए पहले अप्रूवल लेना पड़ रहा है, इससे भी 20 हजार रूपये से लेकर अधिकतम रूपये पचास हजार तक मरीज की स्थिति देखकर इंश्योरेंस कम्पनी अप्रूवल कर रही है।
इस पूरी प्रक्रिया में समय भी लग रहा है और आरएसबीवाय और एमएसबीवॉय के अभिकर्ता मरीजों के परिजनों से कमीशन भी वसूल रहे है जबकि डेंगू का ईलाज महँगा है मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने से लेकर दवाइयों में न्यूनतम एक लाख तक का खर्च आता है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि लगभग एक सप्ताह से प्रदेश से बाहर रह रहे डॉ रमन सिंह अब प्रदेश के जिन्दा लोगो के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाये और मांग की है कि तत्काल मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाकर प्रदेश में फ़ैल रहे डेंगू को महामारी घोषित करे।
युद्ध स्तर पर पुरे प्रदेश के सभी समुदायिक स्वास्थ केंद्र तक डेंगू की किट उपलब्ध कराये और डेंगू की पहचान होने पर उनका पूरा ईलाज प्रदेश के शासकीय व निजी सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में राज्य शासन के खर्च पर किया जाये।
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