करोड़ों लोगों के चहेते पूर्व प्रधानमंत्री अब हमारे बीच नहीं रहे। राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा पिछले 10 दिनों में कई प्रमुख हस्तयिां अब हमारे बीच नहीं रही। बीते कुछ दिनों में भारत ने कई महत्वपूर्ण शख्सियतों को खो दिया है।
लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 89 साल की उम्र में सोमवार को देहांत हो गया। इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का 6 अगस्त को निधन हो गया। वह 81 बरस के थे।
दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टंडन का रायपुर में निधन हो गया। 90 वर्षीय बीडी टंडन को मंगलवार सुबह हार्टअटैक आया था। उन्हें आनन-फानन में रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
साहित्य का नोबल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के प्रसिद्ध लेखक वीएस नायपॉल का रविवार तडक़े निधन हो गया था। उन्होंने 85 साल की उम्र में लंदन स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली।
राजनीतिक हस्तियों के अलावा 15 अगस्त को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के जसलोक में अंतिम सांस ली।
गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी भी अपने चाहनेवालों को छोडक़र चले गए. अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो 1999 से 2004 तक बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं. 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था. 2009 से ही वह व्हीलचेयर पर थे।
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