भोपाल। एक ऐसा विश्वविद्यालय भी है, जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होती है। सबसे खास बात यह है कि यह विश्वविद्यालय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी का यह प्रयोग अटल जी के नाम पर बने यूनिवर्सिटी में शुरू किया गया। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 में की गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 में भोपाल के निकट मुगलिया कोट गांव में इसका शिलान्यास किया गया था। यूनिवर्सिटी में पहले वर्ष में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई के लिए 90 सीट आरक्षित थी। विश्वविद्यालय के स्टाफ के लिए पाठ्यक्रम को तैयार करना कठिन था।
शुरुआत में विश्वविद्यालय ने मैकेनिकल, सिविल, और इलेक्ट्रिकल शाखा में अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) की डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए। विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कुलपति बने प्रो. मोहनलाल छीपा ने एक न्यूज चैनल को बताया था कि विश्वविद्यालय ने चालू शिक्षा सत्र से हिन्दी में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पूरी तैयारी के साथ शुरू कर दिया है तथा मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल शाखाओं में डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। कुलपति का कहना था कि महत्वपूर्ण यह है कि लगभग 250 साल से इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा पर अंग्रेजी माध्यम का कब्जा रहा है और इसमें अब हिन्दी माध्यम का विकल्प उपलब्ध कराने का यह प्रयास किया गया है। (न्यूज 18)
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