रायपुर। बलराम दास जी टंडन एक भारतीय राजनेता और छत्तीसगढ़ के वर्तमान राज्यपाल थे। कुछ वर्षों तक अपने वयस्क हुड में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पंजाब से भारतीय जनता पार्टी के एक नेता के प्रचारक थे। श्री टंडन एक खिलाड़ी भी थे, उन्हें तैराकी, कबड्डी, कुश्ती व्हालीबॉल के सक्रिय खिलाड़ी थे। उन्होंने विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आए लोगों के लिए बुनियादी सेवाएं जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1965 के दौरान जब लड़ाई चल रही थी तो बलराम दास जी टंडन ने लोगों के आत्मबल को ऊंचा उठाने में अमह भूमिका रही। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के मदद के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था, जिसके वे चेयरमेन थे। श्री टंडन सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित इलाके अमृतसर से चुनाव लड़े। इस दौरान उनके ऊपर कई बार हमले भी हुए, लेकिन वे डटे रहे। उनके जीवन पर उनके बेटे ने एक किताब एक प्रेरक चरित्र लिखा है, जिसका विमोचन लालकृष्ण आडवाणी ने किया था।
राजनीतिक सफर
वह 1 9 6 9 -70 में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गुरनाम सिंह अकाली दल जनसंघ मंत्रालय में उप-मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 1977-79 में और 1997-2002 में प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। श्री टंडन 1051 में जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे और 1951 से 1957 तक पंजाब जनसंघ के सचिव और 1995-97 तक पंजाब में भाजपा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे 1960-62, 67, 69, और 1977 में अमृतसर से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। 1997 में राजपुरा से थे। उन्हें 1975-77 में आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे। 14 जुलाई 2014 को उन्हें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रुप में नियुक्त किया गया था।
पारिवारिक जीवन
बृजपाल टंडन, जो स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थीं उनसे बलरामदास जी टंडन का विवाह 1958 में हुआ था। उनकी दो बेटियां हैं, अल्का कवत्रा और पूनम बत्रा और बेटा संजय टंडन है, जो बीजेपी, चंडीगढ़ में स्थानीय संगठन के अध्यक्ष हैं।
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