रायपुर। सी वोटर वहीं कम्पनी है, जिसने एग्जिट पोल में अपने सर्वेक्षण में दिल्ली में भाजपा, पंजाब में आम आदमी पार्टी, तमिलनाडू में डीएमके? और कर्नाटक में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकारे बनने की भविष्यवाणी करी थी। अन्य राज्यों की तरह सी वोटर कंपनी का छत्तीसगढ़ सर्वे भी बोगस है। जब पार्टी को हल चलाता किसान चुनाव निशान ही नहीं मिला था, उस समय कथित तौर पर सर्वे करा गया। ऐसा सर्वे औचित्यहीन और तथ्यहीन है। वोटर का सर्वे विरोधाभास से भरा है।
सी वोटर स्वयं कह रहा है कि 15 साल से काबिज मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन को सिर्फ अजीत जोगी ही टक्कर दे सकते हैं। रमन सिंह के 34 प्रतिशत के विरुद्ध 17 फीसदी लोगों की पसंद जोगी हैं तो जनता कांग्रेस के दल की सीटों को क्यों नही दर्शाया गया है? सर्वे में साफ है कि दूसरे विपक्षी दल के पास न राष्ट्रीय और न प्रदेश स्तर पर ऐसा कोई चेहरा है जो भाजपा को मात दे सके। तो फिर सीटें कहाँ से मिलेंगी?
अभी तो चुनाव की अधिसूचना तक जारी नहीं हुई है, सभी राष्ट्रीय दल एक भी प्रत्याशी नहीं घोषित कर पाए हैं, ऐसे में इस सर्वे का न तो कोई औचित्य है और न ही कोई विश्वसनीयता है। इसका मकसद केवल एक राजनीतिक दल को फायदा पहुचाना है। 3 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीपति कमलनाथ की कम्पनी मोजरबेयर और सी वोटर के बीच के सम्बन्धों की जांच होनी चाहिए।
इसके पहले भी 2013 में साई प्रसाद चिट फंड कम्पनी के इशारे पर एक निजी न्यूज चैनल के लिए सी वोटर द्वारा फर्जी सर्वे कराया गया था। अभी कोई भी विश्वनीय कम्पनी छत्तीसगढ़ के किसानों, युवाओं और महिलाओं के बीच जाकर निष्पक्ष सर्वे करे, तो स्पष्ट हो जाएगा कि अजीत जोगी खुद के दम पर सरकार बनाने जा रहे हैं।
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