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दूसरे की जान बचाने वालों का सहारा बना ‘छाता’, तस्वीर देखकर आप भी तो जरूर कुछ कहना चाहेंगे….

संजय सोनी, रायपुर। छत्तीसगढ़ में जारी 108 और 102 कर्मचारियों की हड़ताल का आज 20वां दिन है। लगातार 20 दिनों की हड़ताल के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं बरसात के दिनों में धरनास्थल पर बैठे कर्मचारियों को बारिश की आशंका जरूर रही होगी, तभी वे ‘छाता’ लेकर पहुंचे थे, लेकिन बारिश तो नहीं हुई, फिर भी ‘छाता’ उनके लिए धूप से बचने का सहारा जरूर बन गया।

आपको बता दें कि ये वही 108 और 102 के कर्मचारी हैं, जो दिन हो चाहे रात… कहीं से दुर्घटना या गंभीर स्थिति की सूचना मिलते ही तुरंत दौड़ पड़ते हैं, जान बचाने के लिए। और आज वो अपनी खुद की मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन के बीच धरनास्थल पर आज दिलचस्प नजारा देखने को मिला… जब द खबरीलाल.कॉम का प्रतिनिधि वहां पहुंचा तो मंच पर मौजूद लोगों को सुनने बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे और उनका सहारा बना था ‘छाता’…



वहीं 108-102 कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र राठौर कहना है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो उनके इस आंदोलन भी संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस में कार्यरत कर्मचारियों के परिवार वालों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उनकी 6 सूत्रीय मांगों में ठेका प्रथा मुक्त कर कर्मचारी को शासन के अंतर्गत कार्य कार्य जाए, अप्रैल 2017 से वृद्धि किया गया न्यूनतम मजदूरी लागू कर एरियस सहित भुगतान करें, श्रम अधिनियम के अनुसार कार्यावधि 8 घंटे, अतिरिक्त कार्य का अतिरिक्त भुगतान, कर्मचारी के समस्याओं का उचित निराकरण हेतु शासन विशेष कमेटी गठित करने, वेतनमान निश्चित समय पर दिए जाने और परिवर्तनशील महंगाई भत्ता श्रम अधिनियम के अनुसार समय पर वृद्धि किया जाना है।

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