नई दिल्ली। सरकारी नौकरी में मिलने वाले प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। बहस की शुरुआत करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा की जरूरत है। गौरतलब है कि संविधान पीठ सरकारी नौकरियों की पदोन्नति में क्रीमी लेयर के लिए एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा कर रही है। पीठ इस बात पर भी विचार कर रही है कि इस मुद्दे पर सात जजों की पीठ को पुनर्विचार करने की जरूरत है या नहीं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा की जरूरत क्यों है? जिस पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा कि 12 साल पुराने 2006 का एम नागराज फैसला एसी-एसटी के प्रमोशन में आरक्षण में बाधक बन रहा है। कोर्ट ने कहा कि जब एक बार उन्हें एसटी-एसटी के आधार पर नौकरी मिल चुकी है तो फिर प्रमोशन में आरक्षण के लिए दोबारा डेटा की क्यों जरूरत है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एसटी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन देने की इजाजत दे दी थी।
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