चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। मिशेल्स रूबेला जागरूकता अभियान के लिए निकाली जाने वाली रैली में पहुंचे बच्चों को ढाई घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पडा, जब सोशल मीडिया में इसकी जानकारी वायरल हुई तो संसदीय सचिव श्रीमती चंपादेवी पावले मौके पर पहुंची। उनके कारण बच्चों को सुबह 10 बजे बुलाकर बिठाया गया है। उन्होने कहा- मुझे 12 बजे का समय बताया गया था और अभी 12 ही बजा है, तब उन्हे बताया गया कि अभी 12 बजकर 45 मिनट हो गए हैं, फिर उन्होने जाकर रैली को हरी झंडी दिखाई, तब रैली का शुभारंभ हो पाया।
वहीं सीएमएचओ एसएस पैकरा का कहना है कि बच्चों को 11 बजे से बुलाया गया था, जनप्रतिनिधियों का इंतजार तो बच्चों को करना ही पडता है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिलामुख्यालय बैकुंठपुर में मिशेल्स रूबेला जागरूकता अभियान के तहत रैली का आयोजन किया गया था, रैली हायर सेकेण्ड्री स्कूल से शुरू होकर जिला अस्पताल पहुंचेगी। शहर के कई नर्सिग कालेज की छात्राओं के साथ एससीसी के कैडेटस् और काफी संख्या में स्कूली बच्चों केा रैली के लिए 10 बजे ही शासकीय रामानुज हायर सेकेन्ड्री स्कूल में बुला लिया गया, जिसके बाद वो ढाई घंटे यहां वहां बैठक कर संसदीय सचिव का इंतजार करते रहे।
बताया जाता है कि सोमवार से एएएन छात्राओं की सप्लिमेट्री और फेल छात्राओं की परीक्षा भी शुरू होने वाली है, ऐसे में सभी छात्राओं को 10 बजे से हायर सेकेण्ड्री स्कूल में बुला रैली में जाने का फरमान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने दे रखा था, परन्तु जब उनके ससंदीय सचिव ने जवाब मांगा तो उन्होने 11 बजे से छात्राओं को बुलाने की बात कह डाली। जिसके बाद संसदीय सचिव श्रीमती चंपादेवी पावले ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। तब तक 1 बज चुके थे।
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