रायपुर। 23 बरस की लंबी जद्दोजहद के बाद आज प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को संविलियन पश्चात पहली बार किसी माह के अंत के 1 दिन पहले शासकीय शिक्षक का वेतन सातवां वेतनमान के रूप में नसीब हुआ। अब तक यह सुविधा केवल शासकीय कर्मचारियों को प्राप्त थी। पिछले 23 वर्षों में प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को कभी भी नियमित रूप से वेतन नहीं मिला था, हमेशा दो महीने 3 महीने इंतजार करना पड़ता था। कभी-कभी यह समयावधि बढ़कर ज्यादा भी हो जाती थी। एक तो उन्हें कम वेतन मिलता था फिर उसके लिए लम्बा इंतजार शिक्षाकर्मियों के लिए बड़ी दु:खद समस्या थी। नियमित वेतन नहीं मिलने से कई शिक्षाकर्मी अपना इलाज भी सही ढंग से नही करा पाते थे और कर्ज ले लेकर जैसे-तैसे गुजारा करते थे, परन्तु संविलियन पश्चात उनकी इस समस्या से निजात मिल गई। आज वेतन का मैसेज मोबाइल में आते ही उनकी बांछे खिल गई और बधाइयों का सिलसिला प्रारंभ हो गया।
संविलियन/शासकीयकरण बाद वेतन में इजाफा तो हुआ ही, साथ ही साथ शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाले समस्त अन्य भत्ते भी इनको प्रदान किये गए, जिनमें प्रमुख रूप से मकान भत्ता, चिकित्सा भत्ता, गतिरोध भत्ता आदि है। वहीं सीपीएस में भी अब समग्र वेतन के अनुरूप कटौती प्रारंभ हो गया है, पहले केवल मूल वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा ही एनएसडीएल के खाते में जाता था जिससे प्रत्येक शिक्षाकर्मी के पीआरएएन खाते में अब पहले से 3 से 4 गुना ज्यादा राशि जमा होगी, जितना कर्मचारी के खाते से कटेगा उतनी ही राशि सरकार भी उस खाते में जमा करेगी। अब समूह बीमा और ग्रेज्युटी का लाभ भी इस संवर्ग को प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री घोषणा उपरांत शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग, वित्त विभाग, पंचायत विभाग और नगरीय विभाग द्वारा मिशन मोड़ में कार्य प्रारंभ किया गया। इतने कम समय पर एक लाख पौने पांच हजार शिक्षाकर्मियों को इ कोष से कमर्चारी कोड प्रदान करना फिर सबका बिल जनरेट कर वेतन भुगतान करना, सभी ने बेहतरीन समन्वय बैठाकर इस कार्य को अंजाम दिया। इसके लिए शिक्षक पंचायत ननि मोर्चा ने मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, शिक्षा सचिव, पंचायत सचिव, वित्त विभाग, समस्त कोषालय अधिकारी, समस्त सीईओ(नोडल), समस्त डीईओ, समस्त बीईओ, आहरण-संवितरण अधिकारी तथा इस कार्य मे लगे समस्त कर्मचारियों का आभार माना है। यह दुष्कर कार्य सब की तत्परता से ही संभव हो पाया।
शिक्षक पंचायत ननि मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने सबको बधाई देते हुए कहा कि यह हम सबके संघर्ष का परिणाम है जो यह सुखद दिन प्राप्त हो रहा है। अपमान और दोहरे व्यवहार से मुक्त गरिमायुक्त जीवन की शुरुआत हो रही है। इस गर्वित क्षण को प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जी का विशेष आभार व्यक्त करते हैं और जो विसंगतियां रह गई है, जो साथी छूट गए हैं उन सबकी चिंता भी हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री जी करेंगे ऐसी अपेक्षा हम उनसे करते हैं।
शासकीय शिक्षक के रूप में प्रथम वेतन प्राप्ति पर बधाई देने वालों में उप संचालकगण धर्मेश शर्मा, सुनील सिंह, डॉ सांत्वना ठाकुर, चन्द्रशेखर तिवारी, विष्णु शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, सर्वजीत पाठक, विवेक शर्मा, सत्येन्द्र सिंह, बुसरा परवीन, प्रहलाद जैन, यादवेन्द्र दुबे, भोजराम पटेल, उपेंद्र सिंह, सन्तोष शुक्ला, हिमन कोर्राम, सीपी तिवारी, दीपक वेंताल, जोगेन्द्र यादव, ओमप्रकाश खैरवार, भानू डहरिया, शिवेंद्र चंद्रवंशी, गजराज सिंह, अतुल अवस्थी, जितेन्द्र गजेंद्र, सरवर हुसैन, विनय सिंह, गौतम शर्मा, दिनेश पांडेय, राजेश शर्मा, कैलाश रामटेके, घनश्याम पटेल, कर्नल सिंह राजपूत, यशवंत राजू आदि समस्त प्रान्त, जिला व ब्लाक के पदाधिकारी शामिल है।
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