रायपुर। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आज नई दिल्ली में बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने सभी राज्यों को समझाइश दी कि वे बच्चों से जुड़े मामलों में तत्परता और संवेदनशीलता से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्थापित बाल संरक्षण गृहों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्र की सत्त निगरानी राज्य आयोग द्वारा की जाए। सभी राज्यों ने बच्चों की संरक्षण से जुड़े मामलों में सबसे पहले आयोग को सामने आना चाहिए। बच्चों के लैंगिक उत्पीडऩ की घटनाओं पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा राज्यों में गठित बाल संरक्षण आयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में बच्चों के संरक्षण से जुड़े अधिनियमों को कड़ाई से लागू किया जाए और स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों में बच्चों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने छत्तीसगढ़ में बाल मित्र राज्य की अवधारणा को मूर्तरूप में स्थापित करने के उद्देश्य से किए जा रहे नवाचारों पर आधारित प्रस्तुतिकरण दिया। श्रीमती प्रभा दुबे ने आयोग द्वारा प्रारंभ बाल चौपाल, बाल मितान, मेरी आवाज मोबाइल एप्लिकेशन, बाल मित्र दल और बाल मित्र थानों के बारे में बताया। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य बाल आयोग संरक्षण के सचिव नंदलाल चौधरी ने आयोग की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला में देशभर के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष शामिल हुए।
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