जगदलपुर। वर्षाकाल में मुख्यालय के आस-पास स्थित प्रकृति के सुंदर दृश्य जलप्रपातों के माध्यम से और सामने आ जाते हैं और इन जलप्रपातों को सामने से देखने के लिये पर्यटक और युवा उत्साही लोग जल प्रपात के पास स्थित उंची ढलान से उतरते हैं, जिससे उन्हें प्रति क्षण खतरें का अंदेशा बना रहता है। पिछले वर्षो में भी जल प्रपात को प्रत्यक्ष सामने से देखने की इच्छा कई लोगों की जान भी ले चुकी है। इसके बाद भी सुरक्षा के लिये इन जलप्रपातों पर किसी प्रकार की व्यवस्था प्रशासनिक तौर पर नहीं की गई है। ऐसे में कभी भी इन स्थानों पर कोई भी गंभीर दुर्घटना घटित हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि अंचल में सर्वाधिक आकर्षण युक्त चित्रकोट जलप्रपात तो है ही साथ ही तीरथगढ़, तामड़ाघुमर,चित्रधारा व मेंदरीघुमर जैसे जलप्रपातों का आकर्षण और अधिक वर्षाकाल में बढ़ जाता है। वर्षाकाल में अत्यधिक जल की गिरने से पूरे यौवन पर ये जलप्रपात दिखाई पड़ते हैं। इन जल प्रपातों की सुंदरता देखने के लिये लोगों को अधिक परेशान नहीं होना पड़ता और कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर जाने से इनकी सुंदरता दिख जाती है। लेकिन कुछ लोग जलप्रपात तक पहुंचने के लिए फिसलन भरे उंची घाटी से होते हुए नीचे पहुंचते हैं जिससे सर्वाधिक खतरा इन्हीं को होता है। वर्षाकाल में उतरने के सभी रास्ते फिसलन युक्त हो जाते हैं और थोड़ा सा भी संतुलन बिगड़ा तो सीधे कई गहरी घाटी में गिरने की संभावना रहती है। कांगेर घाटी स्थित तीरथगढ़ मेंं तो कई ग्रामीण युवा लोगों को नीचे उतरने के लिये मना भी करते हैं लेकिन आने वाले उनके निर्देशों का अमल ही नहीं करते है। इस प्रकार की स्थिति में सभी जल प्रपात आज पर्यटकों को लुभा जरूर रहे हैं लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था इन जलप्रपातों पर करना अति आवश्यक है।
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