
चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले के विकासखंड सोनहत समेत भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में अत्यंत खराब रास्तों पर बारिश के दौरान मिट्टी के बह जाने एवं पुल-पुलिया अभाव के कारण कई ग्रामों में संपर्क कटने जैसे हालात निर्मित होने लगे है।
उल्लेखनीय है की ग्रामीण मार्गों पर पूर्व में भी चलने में भारी परेशानी होती थी लेकिन गर्मी के मौसम में कई स्थानों पर डाली गई मिट्टी बह गई है और पूरा मार्ग कहीं कीचड़ में तब्दील हो गया है। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण क्षेत्र के नदी-नालों का जल स्तर बढने एवं बरसात में पहुंच मार्ग का अभाव होने के कारण इन गांवों की जिंदगी ठहर सी गई है। वर्तमान समय में हो रही तेज बारिश के कारण ग्राम रेवला कछुवाखोह बंधउरा का संपर्क लगभग कट सा गया है। अपने कार्यों को लेकर ग्रामीण विकासखंड मुख्यालय तक नहीं आ पा रहे है जो परेशानी का सबब बना हुआ है। इसके अतिरिक्त ग्राम गिधेर में नदी नालों पर का जल स्तर बढऩे के कारण अवागमन की समस्या यहां भी परेशानी का सबब बनी हुई है। सोनहत विकासखंड के शेराडांड सुक्तरा रासौकी मझगवां कुरथी गिधेर कांटो एवं भरतपुर क्षेत्र के कुछ ग्रामों में भी हालात कुछ इसी तरह के बने हुए हैं।
मध्यप्रदेश पर आश्रित जनजीवन
सोनहत विकासखंड के वनांचल ग्राम कछुवा खोह एवं बंधउरा के अलावा दसेर में आज भी अवागमन सबसे बडी परेशानी है। साधारण दिनों में तो काफी मशक्कत के बाद यहां तक पहुंचा जा सकता है लेकिन बरसात के दिनों में यहां तक अच्छे से पहुंचने के लिए मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से होकर जाना पड रहा है। फिर भी पूरे ग्राम तक पहुचने के लिए तीन से पांच किलोमीटर तक की पदयात्रा करनी ही पड रही है। वर्तमान समय में मिली जानकारी अनुसार यहां के लोग अपने जरूरतों के लिए फिलहाल पूरी तरीके से मध्यप्रदेश पर ही आश्रित हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम गोयनी आनंदपुर में भी हालात बदतर हो चुके हैं। आलम है की चार पहिया काफी मशक्कत के बाद ग्राम तक पहुच रहे हैं। कई बार बीच में ही वाहन फस जा रहे है। वर्तमान में अधिकांश अवाजाही एवं जरूरी संसाधनों की पूर्ति मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के मार्गों से हो रही है।
रास्ते में फंसे जनप्रतिनिधि
सोनहत विकासखंड के इन ग्रामों में दर्जनों भर अलग अलग नदी नालों को पार करके जाना पड़ता है. लेकिन इनमें से एक भी नालों पर पुल नहीं बना है। इससे गांव के सैकडों परिवार को तीन माह तक शहरी जीवन से कटा रहना पड़ता है। वनांचल ग्राम आनंदपुर दसेर एवं कछुवाखोह जायजा लेने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र राजवाड़े एवं लव प्रताप सिंह को भी संबंधित ग्राम पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। साथ ही ग्राम आसपास के नदी नालों में तेज बहाव होने के कारण ग्रामों तक नहीं पहुंच पाए और आधे रास्ते से ही उन्हें वापस आना पडा ।
इनका कहना है
वनांचल क्षेत्रों में कई दिनों से हो रही बारिश से हालात बदतर हो चुके हैं। हम लोग वनांचल एवं राज्य के सीमावर्ती ग्रामों का जयजा लेने गए थे परन्तु कई स्थानों पर रास्तों में हुए भूमि के कटाव के साथ पूरा मार्ग कीचड़ में तब्दील होने एवं नालों में जल स्तर ज्यादा होने के कारण कई ग्रामों तक नहीं पहुंच पाए, बीच से ही वापस आना पड़ा। वर्तमान समय में तो इन मार्गों पर दो पहिया वाहनों से भी सफर करना खतरे से कम नहीं
– पुष्पेन्द्र राजवाड़े, कांग्रेस नेता
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