उम्र के इस पड़ाव में भी गजब का हौसला, इनके काम देख आप भी हो जाएंगे दंग…

मांड्या। 82 साल के उम्र मेें भी इस व्यक्ति के पास गजब का हौसला है, इनके काम देख कर यहां के लोग दंग रह गए। यह देखने को मिला है कर्नाटक के मांड्या में जहां केरे कामेगौड़ा ने अपने हाथों से कुल 14 छोटे तालाब बना डाले हैं। चामराजनगर जिले में स्थित मंदिरों में दर्शन करने जान ेवाले लोग जब बेंगलुरु-महावल्ली-कोल्लेगल रोड से गुजरते हैं तो रास्ते में उनको रास्ते में लोगों से कामेगौड़ा के बारे में सुनने को मिलता है।
कामेगौड़ा का घर डासनाडोड्डी में है और आज भी उनका परिवार झोपडिय़ों में ही रहता है। अकसर कामेगौड़ा अपने घर की बजाय कुंदिनीबेट्टा गांव के आसपास भेड़ चराते और पर्यावरण की चिंका करते पाए जाते हैं। कामेगौड़ा जानवर चराने के दौरान या तो पेड़ लगाते हैं या फिर गड्ढे खोदते हैं। अब तक कुल 14 गड्ढे/तालाब बना चुके कामेगौड़ा ने 2017 सिर्फ छह तालाब ही बनाए थे, लेकिन पिछले एक साल में उनके काम में तेजी आई और आंकड़ा दोगुने से भी ज्यादा हो गया। एक स्थानीय निवासी कामेगौड़ा को उनके काम के लिए कई सारे इनाम और पैसे भी मिले लेकिन उन्होंने पैसों का इस्तेमाल खुद के लिए न करके तालाब बनाने के लिए किया। उन्होंने इन पैसों से औजार खरीदे और मजदूर लगाकर तालाब बनवाए। उन्होंने पहाड़ी पर जानेवालों के लिए एक रास्ता भी बनवाया। उनके बच्चे आज भी झोपड़ी में रहते हैं और जानवर चराते हैं।
कामेगौड़ा के बेटे कृष्णा बताते हैं, पिताजी सिर्फ रात में घर आते हैं, दिनभर वह पहाड़ी पर अपने पेड़ों और तालाबों की देखभाल करते हैं। मैंने भी उनके काम को अपना बना लिया है। वह इनाम में मिलने वाले सारे पैसे इसी काम में लगाते हैं, परिवार को भी उन्होंने इनाम का एक पैसा नहीं दिया। उनका इलाज कराने वाले जयराम पाटिल बताते हैं कि कामेगौड़ा अपनी कमाई के पैसे भी पेड़ों और तालाब के लिए खर्च कर देते हैं।
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