राजकुमारी और उनकी भतीजी अम्बिका सिंहदेव ने दी मुखग्नि
चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री डॉ. रामचंद्र सिंहदेव का पार्थिव शरीर बीते 20 जुलाई की सायं 6.30 बजे कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर पहुंचा। उनके पार्थिव शरीर को राजमहल में रखा गया था। जहां अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ जुट गई। पुलिस को भीड को नियंत्रित करने में भारी परेशानी हुई। रात्रि में देर तक अंतिम दर्शन के लिए लोग विभिन्न क्षेत्रों से जुटते रहे। वहीं दूसरे दिन शनिवार 21 जुलाई को भी सुबह से ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लोग व शुभचिंतक डॉ. रामचंद्र सिंहदेव के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचते रहे।
आम व खास हर वर्ग के लोगों में कुमार साहब के चले जाने से मायूसी चेहरे पर साफ झलक रही थी। यही वजह है कि सभी वर्ग के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचते रहे। डॉ. सिंहदेव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने के आदेश के बाद जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया था। शनिवार 21 जुलाई को दोपहर 12.45 बजे डॉ. रामचंद्र सिंहदेव का ससम्मान अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर और सशस्त्र सलामी भी दी गई।
इससे पहले उनकी शवयात्रा महल से होकर जूना पारा स्थित मैदान में पहुंची। उनके पार्थिव शरीर को कंधा देने युवराज राघवेंद्र प्रताप सिंहदेव उनके दामाद, डॉ. चरणदास महंत प्रमुख सहित कई अन्य लोग शामिल थे। इस अवसर पर हजारों की संख्या में शहर व जिले के वासियों के साथ प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की भीड़ जुटी रही।
अंतिम दर्शन करने भारी संख्या में पहुंचे जनप्रतिनिधि
डॉ. रामचंद्र सिंहदेंव के अंतिम दर्शन करने एवं अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अति विशिष्ट लोगों के अलावा भारी संख्या में जनप्रतिनिधि शामिल रहे। उपस्थित सभी की आंखें नम थी। इस अवसर पर पहुंचने वालों में डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल के साथ कोरबा कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष श्री प्रसाद, अनुराग सिंहदेव सहित कई गणमान्य लोग शामिल थे।
इसके अलावा कमिश्नर सरगुजा अविनाश चंपावत, आईजी हिमांशु गुप्ता, सीसीएफ केके बिसेन सहित जिला कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा, पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, व जिले के अन्य पुलिस अधिकारीगणों के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी शामिल थेे।
राजकुमारी ने दी मुखाग्नि
पूर्व वित्तमंत्री डॉ. रामचंद्र सिंहदेव के पार्थिव शरीर को मुखग्नि राजकुमारी और उनकी भतीजी अम्बिका सिंहदेव ने दी। इस दौरान पूरे विधि-विधान से पंडितों ने पूजा-पाठ करवाया। जिसके बाद उन्होंने मुखग्नि दे। बीते लंबे समय से वो कुमार साहब की देखभाल कर रही थी। इस दौरान आम जन भी बेहद भावुक हो गए थे।
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