नई दिल्ली। केंद्र सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल से बढ़ा 67 साल और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल से बढ़ा कर 64 करने पर विचार किया जा रहा है। न्यायाधीशों के सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के लिए संविधान में संसोधन की आवश्यकता होगी। केंद्र सरकार बुधवार से शुरू हो रहे संसद के मौजूदा मॉनसून-सत्र में संसोधन विधेयक पेश कर सकती है। उच्च अदालतों में जजों की कमी को देखते हुए एक संसदीय समिति ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का अनुरोध किया है।
विधि एवं कार्मिक मामलों पर गठित संसद की स्थाई समिति ने अपनी सिफारिश में कहा था कि कोर्ट में लंबित मामलों को कम करने के लिए जजों के खाली पद को तत्काल भरा जाना चाहिए। इसके साथ ही कहा गया है कि भविष्य में खाली होने सभी पद 1993 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दिशानिर्देशों के आधार पर ही भरे जाएंगे। समिति ने इसके साथ ही मौजूदा जजों की उम्र सीमा बढ़ाने की सिफारिश करते हुए कहा है कि इससे मौजूदा जजों की सेवा विस्तार में मदद मिलेगा और जिससे जजों की कमी तुरंत दूर करने और लंबित मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी।
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