राजेश्वर तिवारी, जांजगीर-चांपा। केन्द्र शासन की महती योजना हमर भुईयां हमर मकान अंतर्गत आवासहीन लोगों को आवास दिलाने पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राशि आबंटित की गई है। नगर पंचायत नवागढ़ में इस योजना का क्रियान्वयन सही ढंग से न होकर भारी भ्रष्टाचार किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।
मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत नवागढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्रथम चरण में 73 हितग्राहियों का नाम भेजा गया था, जिसमें 65 हितग्राहियों का चयन कर उन्हें मकान बनाने आदेशित किया गया है। शासन द्वारा प्रति हितग्राही 2 लाख 30 हजार रुपये दिया जाना है और इस योजना में उन्हीं हितग्राहियों को पात्रता रहेगी। जिसका देश किसी भी जगह पर पक्के का मकान न हो किन्तु नगर पंचायत नवागढ़ में ऐसे हितग्राहियों को पात्र बताकर चयन किया गया है, जिसके नगर पंचायत नवागढ़ में ही पक्के का मकान है, जिसके द्वारा आवेदन जमा करने के उपरांत उसका डी.पी.आर. तैयार कर उसे भवन बनाने की अनुमति आदेश कर प्रथम किस्त की राशि 54875 रुपये जारी भी किया जा चुका है। जिसके उपरांत हितग्राही द्वारा भवन निर्माण का कार्य भी प्रारंभ करा लिया गया है।
मामले का खुलासा तो तब हुआ जब रथराम वैष्णव पिता विश्वनाथ वैष्णव वार्ड क्रमांक 11 में अपने छोटे भाई पुरुषोत्तम वैष्णव के हिस्से की जमीन पर मकान बनाने का कार्य प्रारंभ किया तब उसने आपत्ति जताते हुये नगर पंचायत नवागढ़ में इसकी शिकायत की, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई और मामले को शांत करने की कोशिश की गई, किन्तु पुरुषोश्रम वैष्णव ने उसकी एक न सुनी और लिखित में शिकायत दर्ज करा दी।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जब आवेदन जमा ली जा रही थी, तभी से नगर पंचायत नवागढ़ की कार्यशैली संदिग्ध में रहा है। आवेदन जमा करने वालों को गुमराह में रखा जा रहा था, वहीं पटवारी द्वारा बनाए नजरी नक्शा को मान्य न कर दूसरे नजरी नक्शा तैयार कराने के नाम पर 3-3 सौ रुपये की उगाही भी की जा रही थी।
जानकारों की मानें तो प्रति हितग्राही 25 से 30 हजार रुपये मांग किए जाने की बात भी सामने आई थी। पूर्व से बने पक्के मकान वाले हितग्राही के नाम राशि जारी होने के बाद ये बात भी सच साबित होते नजर आ रही है, कहीं ऐसा तो नहीं जिन-जिन हितग्राहियों का नाम चयनित किया गया है उनमें भी इसी तरह का गड़बड़झाला हो, यदि जांच कराई जाये तो सच्चाई सामने आ सकती है।
बहरहाल मामला जो भी हो उजागर होने के बाद नगर पंचायत नवागढ़ के अधिकारी एवं कर्मचारियों के चेहरे पर हवाईयां उडऩे लगी है और अपने-अपने स्तर पर सफाई देने लगे हैं। अब देखना यह है कि इस मामले को रफा-दफा करने के लिए वे क्या-क्या हथकंडे अपनाया जाता है।
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