रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आदिवासी इलाकों में चल रहे पत्थलगढ़ी आंदोलन का समर्थन किया है। अजीत जोगी पत्थलगढ़ी को पूरी तरह से संवैधानिक और कानून सम्मत करार देते हैं। उनका मानना है कि भारत के झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों में पत्थलगढ़ी में शामिल आदिवासी गांव संविधान में दिए गए अपने अधिकार को ही दोहरा रहे हैं।
जोगी ने झारखंड सरकार की भी आलोचना की। अजीत जोगी ने कहा कि कोई राज्य सरकार धर्म-परिवर्तन करने वाले आदिवासी से उसकी मूल पहचान नहीं छीन सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अजीत जोगी ने कहा कि वन्स अ ट्रायबल, ऑलवेज अ ट्रायबल। उक्त बातें अजीत जोगी ने न्यूज 18 चैनल से बातचीत में कहीं है।
गठबंधन से इनकार नहीं
जोगी ने कहा कि कांग्रेस चाहे मिलती है या नहीं मिलती है। गठबंधन हो या न हो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। चुनाव को कुछ समय हैं, हो सकता है कि परिस्थितियों के हिसाब से रणनीति में कोई परिवर्तन करना पड़े। उस वक्त देखेंगे, लेकिन आज की स्थिति में हम कोई गठबंधन नहीं कर रहे हैं। अजीत जोगी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अप्रासंगिक हो चुकी है। उनके मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है, न ही कांग्रेस की प्रदेश नेतृत्व ने रमन सिंह के खिलाफ कोई आंदोलन खड़ा किया है। न कोई ऐसा संघर्ष किया जिसे लेकर वह जनता के बीच जा सके।
अंडरस्टैंडिंग होती तो राजनांदगांव से चुनाव नहीं लड़ता
प्रदेश कांग्रेस लगातार अजीत जोगी पर रमन सिंह के साथ सीक्रेट अंडरस्टैंडिंग के आरोप लगाता रहा है। इस पर जोगी ने पलटवार करते हुए कहा, अगर रमन सिंह के साथ मेरी अंडरस्टैंडिंग होती तो मैं राजनांदगांव से चुनाव नहीं लड़ता। अगर रमन सिंह से मेरे अच्छे संबंध होते तो मुझ पर हत्या का आरोप नहीं लगता। मेरे बेटे के ऊपर हत्या के षडय़ंत्र का आरोप नहीं लगता। मैंने डोंगरगढ़ में बमलेश्वरी माता के दर्शन किये। आरोप लगा दिया कि 10 हजार की डकैती की। सोने की चेन छीन ली। एक कैमरा छीन लिया। इन लोगों के खिलाफ ऐसा क्यों नहीं हुआ। डकैती का मुकदमा इन लोगों के खिलाफ नहीं चलाष मैं व्हील चैयर पर बैठकर दस हजार रुपए की डकैती कर सकता हूं?
सोनिया के संबंध मधुर, लेकिन कांग्रेस में वापसी नहीं
जोगी कहते हैं कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके संबंध हमेशा की तरह मधुर बने रहेंगे, लेकिन वह किसी भी कीमत पर कांग्रेस में वापसी नहीं करेंगे। सोनिया यदि कहेंगी तो यही समझा दूंगा कि मैें सैद्धांतिक रूप से अलग हुआ हूं। छत्तीसगढ़ का समग्र विकास ऐसी पार्टी कर सकती है, जो रायपुर में फैसले ले। जिसे छोटी-छोटी चीजों के लिए दिल्ली न जाना पड़े।
जिसे शक हो गांव जाकर पूछ ले जाति
अपनी जाति को लेकर बार-बार लगने वाले आरोप को भी जोगी राजनीति से प्रेरित मानते हैं। उन्होंने चुनौती दी कि कोई भी जिसे उनकी जाति को लेकर शक हो वह उनके गांव जाकर जाति के बारे में पड़ताल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी जाति का मसला जैसे ही मैं 1986 में राजनीति में आया वैसे ही शुरू हो गया था।
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