जगदलपुर। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत शहर में एक ऐसा स्कूल भी है जहां अध्यापन का कार्य हिन्दी व उर्दू की पढ़ाई के साथ होता है। यह स्कूल पिछले बीस वर्षो से साम्प्रदायिक सौहाद्र्र का जीता-जागता उदाहरण बनकर समाज में सहअस्तित्व का बोध करा रहा है। शहर में नगर निगम के द्वारा संचालित की जाने वाली महात्मा गांधी स्कूल में आज भी 20 बच्चे उर्दू भाषा की पढ़ाई कर रहे हैं और उर्दू सीखने वालों में मुस्लिम से अलग अन्य समुदाय के बच्चे उर्दू सीखने के लिये उत्साहित रहते हैं। इस स्कूल में मुस्लिम बच्चे संस्कृत की पढ़ाई भी करते हैं। इस समय प्राय: शहर की सभी प्रायमरी स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई नहीं हो रही है। लेकिन इस स्कूल में उर्दू के साथ-साथ हिन्दी और संस्कृत की पढ़ाई होती है।//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js
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उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में छत्तीसगढ़ के गठन के पूर्व मध्यप्रदेश शासनकाल में शहर के स्कूलों में उर्दू भाषा का अध्यापन भी होता था। यह अन्य विषयों में अलग एक विषय था। लेकिन प्रदेश के गठन के बाद यह सिलसिला प्राय: स्कूलों में समाप्त हो गई। इसके बावजूद इस गीदम रोड स्थित महात्मा गांधी प्राथमिक शाला में उर्दू का अध्यापन बंद नहीं किया गया और यह सिलसिला चल रहा है। इस संबंध में शिक्षा अधिकारी ने बताया कि निगम के अंतर्गत आने वाली स्कूलों में भी इसका प्रावधान है। लेकिन अभी बच्चों द्वारा उर्दू विषय पढऩे में रुचि नहीं लेने के कारण इस विषय का अध्यापन नहीं हो पा रहा है। इसलिए इन स्कूलों में बच्चे उर्दू को विषय के रूप में लेते हैं। वहां अध्यापन हो रहा है। (एजेंसी)
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