रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में इस वर्ष मानसून के दौरान शासन के विभिन्न विभागों सहित आम जनता और विभिन्न उद्योगों की भागीदारी से सात करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने वन विभाग से कहा है कि पिछले वर्षों के दौरान हुए वृक्षारोपण और इस वर्ष होने वाले वृक्षारोपण का अलग-अलग भौतिक सत्यापन किसी तीसरे पक्ष से करवाया जाए। डॉ. सिंह ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित हरियर छत्तीसगढ़ वृक्षारोपण महा अभियान की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अभियान के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए हरियर छत्तीसगढ़ पुरस्कार योजना की भी घोषणा की।
यह पुरस्कार वन विभाग के फारेस्ट गार्ड स्वर्गीय मनिराम गोंड के नाम पर देने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने लगभग 117 वर्ष पहले अंग्रेजों के शासन काल में वर्ष 1891 में रायपुर जिले के वर्तमान उत्तर वन मंडल के ग्राम गिदपुरी के पास शासकीय वन प्रक्षेत्र में स्वप्रेरणा से नौ हेक्टेयर के रकबे में सागौन का प्लांटेशन किया था। अंग्रेज हुकूमत को मनिराम का यह कार्य अच्छा नहीं लगा। इस वजह से अंग्रेज प्रशासन ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। इसके बावजूद मनिराम उस प्लांटेशन के किनारे अस्थायी झोपड़ी बनाकर रहने लगे और सागौन के वृक्षों की देखभाल करने लगे। वर्ष 1982 में इन वृक्षों की औसत गोलाई 185 सेंटीमीटर और ऊंचाई 30 मीटर से ज्यादा दर्ज की गई थी। मनिराम प्लांटेशन आज भी वनों की रक्षा के लिए उनकी कर्मठता और समर्पण भावना की याद दिलाता है। तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने इस प्लांटेशन के 105 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 1996 में स्वर्गीय मनिराम के वंशजों को सम्मानित और पुरस्कृत भी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई क्षेत्रों में वृक्षारोपण के सराहनीय कार्य भी हुए हैं, जिनका वन विभाग द्वारा फिल्मांकन और दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए। साथ ही ऐसे सराहनीय कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए। लगाए गए पौधों की कम से कम तीन वर्षों तक अच्छी देखभाल होनी चाहिए।
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