नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त के बीच होगा। कैबिनेट की संसदीय मामलोंं की कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। चुनावी वर्ष में प्रवेश करने के बाद इस पहले सत्र में कश्मीर में नया राजनीतिक घटनाक्रम और तीन तलाक बिल पर हंगामा तय है। इसके अलावा टीडीपी बजट सत्र की तरह इस सत्र में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सरकार की योजना इसी सत्र में सियासी रूप से अति महत्वपूर्ण ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले बिल को कानूनी जामा पहनाने की है।
चुनावी वर्ष के पहले सत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की योजना अपने अपने सियासी मुद्दों को भुनाने की है। विपक्ष जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार का पतन, नोटबंदी केदौरान गुजरात में कथित तौर पर भाजपा से जुड़े सहकारी बैंकों में व्यापक पैमाने पर पुराने नोटों की अदला-बदली जैसे मुद्दे को हवा देगी। बजट सत्र के दूसरे चरण में मोदी सरकार के खिलाफ लगातार अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाली टीडीपी इस सत्र मेंं भी यही रास्ता अपनाएगी।
दूसरी ओर सरकार की योजना सियासी बढ़त देने वाले बिलों को कानूनी जामा पहनाने की है। इस क्रम में सरकार तीन तलाक पर रोक लगाने वाले बिल और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले बिल को हर हाल में कानूनी जामा पहनाने की कोशिश करेगी। सरकार के एजेंडे में ट्रांसजेंटर बिल को पारित कराना भी है। इसके अलावा सरकार की योजना करीब 50 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने संबंधी बिल को पेश कर मास्टर स्ट्रोक लगाने की है।
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