रायपुर। महासमुंद विधायक चोपड़ा के साथ हुई पुलिसिया पिटाई से एक बार फिर से साबित हो गया कि राज्य में प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार का सरकारी मशीनरी पर से नियंत्रण पूरी तरह से समाप्त हो गया है। एक विधायक की थाने में दौड़ा कर क्रूरतापूर्वक पिटाई की जाती है और इस घटना की प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित तीन-तीन मंत्रियों ने निंदा भी करते है, फोन पर सहानुभूति जताते है और घटना को गलत ठहराते है। लेकिन दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही का साहस किसी ने नही दिखाया या यूं कहें कि कार्यवाही कोई नहीं करवा पाया।
अगर यह घटना निंदनीय थी, फिर कार्यवाही क्यों नहीं? कार्यवाही करने से क्यो डर रही है सरकार? रमन सिंह सरकार की इतनी लाचारगी और बेबसी का कारण क्या है? अगर एक विधायक के साथ इतनी बर्बर घटना हो सकती है तब जन सामान्य के साथ थानों और शासकीय कार्यालयों में कैसा बर्ताव होता होगा, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। भाजपाई हुक्मरानों की अक्षमता और कमजोर प्रशासनिक अक्षमता का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
महासमुंद विधायक की क्रूर पुलिसिया पिटाई सिर्फ एक विधायक के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला नही है। इससे वीभत्स घटनाएं राज्य में लगातार विपक्षी दल कांग्रेस और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के साथ हो रही है। बस्तर और अन्य दूरस्थ क्षेत्रो में कांग्रेस के लोगो, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ सरकार के इशारे पुलिस प्रताड़ना का यह क्रम लम्बे समय से चल रहा है। कांग्रेस की विधायक देहुति कर्मा के खिलाफ फर्जी अपहरण केस का मामला हो या पीसीसी महामंत्री मलकीत सिंह गेन्दू और राजीव शर्मा के ऊपर रासुका लगाने का मामला या फिर सामाजिक कार्यकर्ता नलिनी सुंदर के ऊपर देशद्रोह का मामला या आधा दर्जन पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमो में गिरफ्तारी या जांजगीर जिले में थाने में पुलिस पिटाई से सतीश नोरगे की मौत या मीना खलको और हिड़मा मड़कम का अनाचार के बाद फर्जी इनकाउंटर में, यह सब भाजपा सरकार की पुलिस ने ही किया था।
पुलिस की इन झूठी कार्यवाहियों का मुख्यमंत्री रमन सिंह, भाजपा सरकार और भाजपा नेताओं ने खुलकर समर्थन किया। पहले सरकार ने पुलिस के माध्यम से विरोधियों और विरोध करने वालो के खिलाफ दमन चक्र चलवाया, अब बेलगाम हो चुकी पुलिस सरकार के समर्थक उस विधायक की पिटाई कर रही है जिनने अपने पूरे कार्यकाल में भाजपा सरकार का न सिर्फ समर्थन किया, सरकार के पक्ष में अनेको बार विधानसभा में मतदान भी किया। अब भाजपा सरकार की पुलिस भाजपा समर्थको की भी पिटाई करने लगी है। छत्तीसगढ़ पुलिस को बर्बर और प्रशासनिक अमले को अराजक भाजपा सरकार ने ही बनाया है। राज्य की जनता को इस बर्बर अराजक व्यवस्था से मुक्ति 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही मिलेगी।
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