पांच माह के बाद भी नहीं सुधरी बंदोबस्त त्रुटियां, टेकारी गांव के किसान हलाकान
रायपुर। शायद आप इस समाचार के शीर्षक पढ़कर चौंकेंगे जरूर, लेकिन कुछ इसी तरह की गंभीर त्रुटियां बंदोबस्त पश्चचात राजस्व अभिलेख में देखने को मिला है। किसानों के मुताबिक बंदोबस्त पश्चात् के राजस्व अभिलेख में कई किसानों के खेत ही गायब हो गये हैं। कई किसानों के खेत लंबी छलांग लगा दूसरी जगह जा पहुंचा है। गांव की गलियां गायब हो गई हैं। व्यापक स्तर पर हुई बंदोबस्त त्रुटियों से आरंग तहसील के ग्राम टेकारी के किसान हलाकान है। कई वर्षों से लगातार चक्कर काटने के बाद वर्तमान संभागायुक्त व जिलाधीश ने इसे गंभीरता से लेते हुये समय सीमा प्रकरण दर्ज कर संबंधित नये व पुराने अभिलेख ले ग्राम में शिविर लगा त्रुटियां सुधारने का आदेश दिया पर पांच माह बीतने को है आदेश महज कागजों में दबा पड़ा है। व्यथित किसानों ने संभागायुक्त ब्रजेश चंद्र मिश्रा से मुलाकात कर हालात व व्यथा सुनाई। श्री मिश्रा ने आरंग तहसीलदार अनुभव शर्मा को समयबद्ध कार्यवाही हेतु निर्देशित किया।
तकरीबन 1600 एकड़ की रकबा वाला ग्राम है टेकारी। आरंग तहसील के अंतर्गत उपतहसील मंदिर हसौद के अंतर्गत आता है यह ग्राम। ग्रामीणों के अनुसार बंदोबस्त पूर्व व पश्चात् के राजस्व अभिलेखों का मिलान किया जावे तो शासन-प्रशासन को स्वयं बंदोबस्त के दौरान हुयी व्यापक त्रुटियों का अंदाजा लग जावेगा। करीबन 60 प्रतिशत् त्रुटियों की जानकारी किसान देते हैं। किसानों की मानें तो बंदोबस्त पश्चात् के राजस्व अभिलेख में कई किसानों के खेत ही गायब हो गये हैं। कई किसानों के खेत लंबी छलांग लगा दूसरी जगह जा पहुंचा है। गांव की गलियां गायब हो गयी हैं और किसानों के खेतों के रकबे में कमी की शिकायत तो आम है। व्यक्तिगत तौर पर इन त्रुटियों को सुधरवाने तहसील से संपर्क करने पर जिलाधीश कार्यालय से पुराने अभिलेख की प्रतिलिपि व नया अभिलेख संलग्न कर आवेदन करने कहा जाता है जिसमें अनावश्यक व्यय व समय की बर्बादी होती है। ग्राम टेकारी के किसान व्यापक स्तर पर हुई इस त्रुटियों के मद्देनजर बंदोबस्त के तुरंत बाद से ही ग्राम में कैंप लगा त्रुटियों सुधरवाने की मांग कर रहे हैं।
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