नई दिल्ली। 93 साल के बुजुर्ग कैदी ने सुप्रीम कोर्टमें अर्जी दाखिल कर उम्रकैद की सजा को चुनौती दी है। 40 साल पुराने हत्या के एक मामले में याचिकाकर्ता सजा काट रहा है। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस दीपक गुप्ता की वेकेशन बेंच में इस मामले की जल्दी सुनवाई का आग्रह किया गया। तब अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को अगले वेकेशन बेंच के सामने 18 जून को उठा सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ रोहतास नाम के याचिकाकर्ता की ओर से अर्जी दाखिल की गई है। उसके वकील ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि उसका मुवक्किल बीमार है और शरीर का दाहिना हिस्सा उठ नहीं रहा है।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक दिमाग में ब्लॉकेज है और वह कोमा में जा सकता है, जिससे पूरा शरीर पैरालाइज हो सकता है। हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि निचली अदालत ने 1983 में उम्रकैद की सजा दी थी, जिस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने भी उसे खारिज कर दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला आया है। ये मामला बागपत का है जहां 29 सितंबर 1978 को जमीनी विवाद हुआ था। पुलिस के मुताबिक रोहतास और अन्य ने मिलकर दूसरे पक्ष को मारा था और इसमें एक की मौत हो गई थी। इस फैसले को रोहतास ने चुनौती दी है।
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