चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने कोरिया जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर डॉ एसएन लकड़ा सागर पर गैर इरादतन हत्या चिकित्सकीय लापरवाही तथा छत्तीसगढ़ राज्य उपचार गृह तथा रोग उपचार संबंधित संस्थाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 की धारा 12 का आपराधिक प्रकरण दर्ज होना छुपाते हुए महिला चिकित्सक अधिकारी के रूप में संविदा डॉक्टर की नियुक्ति प्राप्त करने के संबंध में शिकायत की है। इस शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रायपुर छत्तीसगढ़ को पत्र भेजकर उनकी नियुक्ति निरस्त करने के संबंध में लेख किया गया है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने अपनी शिकायत में लिखा है कि डॉ. एफएम लकरा सागर के द्वारा योग्यता ना होते हुए भी तुलसी अमृत प्राइवेट हॉस्पिटल का संचालन करते हुए एक गर्भवती महिला का प्रसव संक्रिया से करा कर उसकी मृत्यु कारित की गई है। डॉक्टर लकड़ा पर आरोप के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कोरिया ने चिरमिरी पुलिस को बताया कि उक्त तुलसी अमृत हॉस्पिटल नर्सिंग होम एक्ट के मापदंड के अनुसार बिना पंजीयन प्राप्त किए हॉस्पिटल का संचालन ऑपरेशन व किसी प्रकार का इलाज करना नियम विरुद्ध है। डॉक्टर लकड़ा को इस बात का पूरा ज्ञान था कि उनके पास इमेज की डिग्री नहीं है। ऐसे में यदि कोई ऑपरेशन करते हैं तो मरीज की मृत्यु होना संभव है जो शल्य चिकित्सा के डिग्री नहीं होते हुए भी उनके द्वारा मृतिका रेशम परवीन का ऑपरेशन किया गया। फलस्वरुप रितिका की मौत हो गई मृतका की सर्जरी बिना एमएच की डिग्री प्राप्त किए की गई। सैनिक रिया के लिए डिग्री रजिस्ट्रेशन नहीं होना पाया गया उनका यह कृत्य धारा 304 दो आईपीसी तथा छत्तीसगढ़ राज्य उपचार ग्रह तथा रोग उपचार संबंधित संस्थाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 की धारा 12 के तहत उक्त संदर्भ थाना चिरमिरी में दर्ज की गई है।
आरटीआई कार्यकर्ता अपने पत्र में आगे लिखा कि उक्त महिला डॉक्टर के ऊपर गैर इरादतन हत्या चिकित्सक की लापरवाही तथा छत्तीसगढ़ राज्य उपचार गृह तथा रोग उपचार संबंधी संस्था अपनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 का आपराधिक प्रकरण दर्ज होना छुपाते हुए राज्य सरकार से संविदा की नवीन नियुक्ति प्राप्त कर लिया गया है। महिला डॉक्टर के द्वारा किया गया कार्य कारावास के दंड से दंडनीय है और इस संबंध में थाना चिरमिरी द्वारा अपराध प्रमाणित पाए जाने पर चालान प्रस्तुत किया जा चुका है जो मनेंद्रगढ़ एडीजे मोहन प्रसाद गुप्ता के न्यायालय में विचाराधीन है। आरटीआई कार्यकर्ता ने अपने पत्र में आगे लिखा कि उल्लेखनीय है कि विधि अनुसार उक्त महिला डॉक्टर जब तक उपरोक्त प्रकार के आरोप से मुक्त नहीं हो जाते तब तक उनकी नवीन नियुक्ति चिकित्सीय कार्य के लिए नहीं किया जा सकता। इस संबंध में कोरिया जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रायपुर को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि डॉ लक्खा की पदस्थापना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा चिकित्सा अधिकारी के पद पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ह्यूमन हिल चिरमिरी में किया गया है जहां भी कार्यरत हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा अपने पत्र में चिरमिरी थाना में डॉक्टर लकड़ा के खिलाफ दर्ज अपराध क्रमांक 214 बटे 2017 का भी उल्लेख किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा स्वास्थ्य मिशन को लिखे इस पत्र के साथ केंद्रीय चिकित्सालय मनगढ़ के एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉक्टर शैलेंद्र कुमार का बयान भी पंजीबद्ध कर संलग्न किया गया है। अपने बयान में डॉक्टर शैलेंद्र कुमार के द्वारा कहा गया है कि उन्होंने डॉक्टर लकड़ा के हॉस्पिटल में किसी भी प्रकार का एनेस्थेसिया मृतिका रेशमी परवीन को नहीं दिया था। तुलसी अमृत नर्सिंग होम की संचालिका डॉ एसएन सागर और उनके हॉस्पिटल के संबंध में जिले के 2 डॉक्टर सर्जरी विशेषज्ञ डॉक्टर रामेश्वर शर्मा और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कलावती के द्वारा विधिवत और विस्तारपूर्वक जांच की गई है।
इस जांच में उन्होंने पाया कि शैलेन्द्र कुमार के द्वारा अपने बयान में दर्ज कराया गया कि उन्होंने तुलसी अमृत नर्सिंग होम चिरमिरी में मृतिका रेशमी परवीन पत्नी शेख अमीन अंसारी को किसी भी प्रकार का एनेस्थेसिया नहीं दिया है जबकि तुलसी अमृत नर्सिंग होम की संचालिका ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने एमबीबीएस बरहमपुर उड़ीसा तथा डीजीए जो कि नान मेडिकल काउंसिल संस्था से प्राप्त किया है। पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री को भी मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत नहीं कराया और पंजीकृत होना भी नहीं पाया उनके द्वारा तुलसी अमृत हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त महिला चिकित्सक ने अपने बयान में बताया था कि ऑपरेशन किया जाना स्वीकार किया है तथा एनेस्थेसिया के लिए डॉक्टर शैलेंद्र कुमार का नाम बताया, लेकिन डॉक्टर शैलेंद्र कुमार ने अपने बयान में मृतिका को एनेस्थेसिया नहीं देना दर्ज कराया है। उपरोक्त परिस्थितियों और तथ्यों को देखते हुए डॉक्टर एफएम सागर संचालिका तुलसी अमृत नर्सिंग होम को बिना वैध पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री डिप्लोमा के रजिस्ट्रेशन और बिना एनेस्थेसिया के ऑपरेशन कर मृतिका को नुकसान पहुंचाना परिजन द्वारा लगाए गए दो से सहमत हैं तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आगे की कार्यवाही के लिए अग्रेषित किए हैं।
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