रायपुर। कथित सीडी कांड और रिंकु खनूजा की मौत पर कांग्रेस ने कई गंभीर सवाल उठाए है। कांग्रेस नेताओं ने रिंकू खनूजा की मौत के प्रकरण में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर सीबीआई और छत्तीसगढ़ पुलिस से मांग की है। एक पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेताओं ने बताया कि रिंकु खनूजा प्रकरण में फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनंदा ढेंगे द्वारा दिए गए अभिमत में कहा गया है कि मुझे प्रदान किए गए मृतक के फोटोग्राफ में घटनास्थल निरीक्षण के पश्चात मेरे मत में यह प्रकरण आत्महत्या का नहीं है, किंतु इस अभिमत की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पोस्टमार्टम का वीडियो, बॉडी पंचनामा तथा अन्य साक्ष्यों का मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है। इस प्रकरण में घटनास्थल का अवलोकन के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिनकी मांग कांग्रेस पार्टी सीबीआई एवं छत्तीसगढ़ पुलिस से करती है।
कांग्रेस द्वारा रिंकु खनुजा प्रकरण में किए गए मांगों में सीबीआई ऑफिस को 1 जून से लेकर 10 जून तक के सीसीटीवी फूटेज दिए जाए, पीएम रिपोर्ट, पीएम का वीडियो दिया जाए, पुलिस ने रस्सी के संबंध में पैरों में कीचड़ लगना मृतक के जेब में मिली हुई वस्तुओं के बारे में क्या किया उसकी जानकारी देवे, मृतक के मोबाइल लोकेशन 1 जून से 5 जून तक दिया जाए, सीबीआई यह बताये कि रिंकु खनूजा सीबीआई ऑफिस में अंतिम बार कब आया था, रिंकु खनूजा से सीबीआई की पूछताछ की वीडियो रिकार्डिंग की प्रति दिया जाये, कांगे्रस पार्टी ने मांग की है कि डीजीपी से कि इस केस में एक फारेन्सिक एक्सपर्ट से जांच कराया जाये, इसमें आज तक पुलिस ने किस फारेन्सिक एक्सपर्ट को नियुक्त किया ? उन्होंने कोई जांच की या नहीं ? सरकारी फारेन्सिक एक्सपर्ट की जांच सबके समक्ष खुले रूप में किया जाए ? (मीडिया और कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधी की उपस्थिति सुनिश्चित हो), घटनास्थल को पुलिस ने सील क्यों नहीं किया? इसका कारण सार्वजनिक किया जाये, सीबीआई के द्वारा गवाह की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए थे ? और गवाह की मृत्यु होने के पश्चात क्या कार्यवाही की ? और नहीं किया तो क्यों नहीं किया?, पुलिस ने सीबीआई से कोई पूछताछ किया है कि नहीं और किससे पूछताछ किया है ? और यह पुलिस की डायरी का हिस्सा है कि नहीं चूंकि इस केस में विपक्ष के शीर्ष नेता पर केस दर्ज कर फंसाया गया है। इसलिए जनप्रतिनिधी के रूप में इस केस के हर संदिग्ध पहलू पर बारीकी से नजर रखना हमारा अधिकार है। जब मामला सीबीआई के पास लंबित था, तब लोकल पुलिस को इसे इंवेस्टीगेशन करने का निर्देश किसने दिया। रिंकु खनूजा के आत्महत्या के संदर्भ में एसपी ने यह बयान बिना किसी जांच फोरेंसिक एक्सपर्ट तथा पीएम रिपोर्ट देखे कैसे कह दिया कि आत्महत्या का मामलाा है? जबकि तब तक कोई जांच नहीं की गई थी, एसपी ने किन के कहने से ऐसा किया ? क्या एसपी की जवाबदेही तय कर ली गई है? क्या समस्त जांच पड़ताल बॉडी को फांसी से उतारने का इत्यादि सारी प्रक्रियाओं में परिवार के लोगों को शामिल किया गया था तथा विश्वास में लिया गया था। इस मामले में रिंकु खनूजा की हत्या अथवा आत्महत्या को सीबीआई के द्वारा जांच में क्यों नही लिया जा रहा है ? क्या राज्य पुलिस ने सीबीआई को लिखित में रिंकु खनूजा के आत्महत्या या हत्या के मामले को सौंपने का कोई कार्यवाही किया है अथवा इसी सूचना ऑफिशियली दी है। पोस्टमार्टम के समय रिंकु खनूजा के किन रिश्तेदारों को शामिल किया गया था।
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