राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का समापन समारोह संपन्न
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का समापन समारोह संपन्न हुआ। स्वयं अब जाग कर हमको जगाना देश है, अपना ध्येय गीत को लेकर 400 स्वयंसेवक ने शारीरिक प्रदर्शन किया। स्वयंसेवकों के 20 दिन के अथक प्रयास से शानदार कार्यक्रम हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सुभाष नंदे जी मंचासीन रहे। वहीं मुख्य वक्ता के रूप विलास राव एवं क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख रहे।
समापन समारोह को संबोधित करते मुख्य अतिथि सुभाष नंदे जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामाजिक कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी रही है। सभी स्वयंसेवक अनुशासित रहे यह महत्वपूर्ण है। स्वस्थ समाज के निर्माण में महत्व बताया गया। संबोधन की कड़ी में मुख्य वक्ता विलास राव ने कहा कि संघ का कार्य 1925 से प्रारंभ होकर आज अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण करने जा रहा है।
जैसा नाम वैसा काम, राष्ट्र का विचार करने वाले, भारत में ज्ञान का भंडार था, लोग यहां शिक्षा लेने आते थे, मातृ शक्ति को पूजा जाता है। भारत की काल गणना अत्यंत प्राचीन है। मुख्य वक्ता श्री राव ने भारत की प्राचीनता को बताया, सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी बताया। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाने का कार्य करते रहने की भी बात कही। उन्होंने नक्सलियों के कार्य की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने धर्मांतरण करने वालों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश समर्थ होना चाहिए। भारत का अर्थ अंधेरे से उजाले की ओर जाना, उन्होंने छुआछुत को जड़ से मिटाने का आव्हान किया। डॉक्टर हेडगेवार जी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक हर परिस्थिति में तैयार होता है युद्ध के समय संघ कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वयंसेवक शारीरिक, बौद्धिक रूप में सक्षम होता है। संघ की शाखाओं में स्वयं सेवक संस्कारित होते हैं, राष्ट्र सबल होगा तो हम सुरक्षित हैं।
गौरतलब है कि आरएसएस का संघ शिक्षा वर्ग सालाना ट्रेनिंग कैंप है। शिक्षा वर्ग तीन वर्ग में होता है। प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष। प्रथम वर्ष संघ के सभी 42 प्रांत (संघ ने अपने कामकाज की सुविधा से देश को 42 प्रांतों में बांटा है) में होता है। यह 20 दिन का होता है। इसके लिए जिला स्तर पर लिस्ट तैयार होती है। पहले कोई भी प्रथम वर्ष का शिक्षा वर्ग कर सकता था लेकिन अब ज्यादा लोग इसे करना चाहते हैं इसलिए जिला स्तर पर सिलेक्शन किया जाता है। द्वितीय वर्ष भी 20 दिन का होता है। यह क्षेत्र स्तर का होता है। कई प्रांत को मिलाकर एक क्षेत्र बनता है। संघ ने देश को 11 क्षेत्रों में बांटा है। तृतीय वर्ष का कैंप हर साल संघ के हेडक्वॉर्टर नागपुर में ही होता है। यह 25 दिन का होता है।
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