नई दिल्ली। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते राष्ट्रीय किसान महासंघ की राष्ट्रव्यापी हड़ताल (FARMERS STRIKE) का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन भी किसान जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सात राज्यों में इस हड़ताल से दूध, सब्जियों की कीमतों में इजाफा होते जा रहा है। हड़ताल के पहले दिन किसानों के गुस्से की तस्वीर सामने आई. कहीं किसानों ने सड़कों पर दूध बहाया तो किसी राज्य में सब्जियां रास्तों में फेंक दी गईं।
किसानों का यह 10 दिवसीय आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया जा रहा है. किसानों की ये भी मांग है कि दूध के दाम पेट्रोल के बराबर हों. मंडियों में सप्लाई ठप होने से सब्जियों के रेट बढ़ गए हैं.
खबर मिल रही है कि दिल्ली के गाजीपुर मंडी में सब्जियों के थोक रेट में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। यहां कल तक 7 रुपए के भाव से मिलने वाला टमाटर आज एकाएक 18 से 20 रुपए तक पहुंच गया है।
वहीं 16 रुपए प्रति किलो वाला आलू भी 18-20स प्याज 12 से 14 रुपए बिकने लगा है। ये सब्जियों के थोक भाव हैं। वहीं मुंबई में जैसे टमाटर में आग लग गई है। यहां टमाटर 80 रुपए तक पहुंच गया है। किसानों का आरोप है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बारे ये सरकार बात ही नहीं कर रही है।
साल 2006 में जो सिफारिशें स्वामीनाथन आयोग ने दी थी वो 11 सितंबर 2007 को ही कांग्रेस सरकार ने स्वीकार कर ली थी। किसानों का आरोप है कि किसी को भी उनकी चिंता नहीं है, इसीलिए ये आंदोलन हो रहा है। बता दें कि राजस्थान के बूंदी में टमाटर 2 रुपए किलो बिक रहा है, जिसके चलते किसान अपनी फसल जानवरों को खिलाने और फेंकने को मजबूर हैं।
हड़ताल के चलते पंजाब के भटिंडा में सब्जियों के मंडी तक ना पहुंचने से कीमतें बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र के किसानों में भी केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नाराजगी देखने को मिली है। पुणे के टोल प्लाजा पर किसानों ने करीब चालीस हजार लीटर दूध बहा दिया है।
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