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बारिश नहीं होने से सरकार भी चिन्तित…कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने ली समीक्षा बैठक…कहा…अधिकारी लगातार किसानों के संपर्क में रहें…

रायपुर। कृषि विकास, किसान कल्याण मंत्री तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे ने कल मंत्रालय में कृषि एवं संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर छत्तीसगढ़ राज्य में मानसून के विलंब आगमन और पिछले कुछ दिनों से अवर्षा की स्थिति की समीक्षा की।

उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई की स्थिति में राज्य में 304 मिली मीटर की वर्षा हुई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत कम है। छत्तीसगढ़ के 8-9 जिले ऐसे है जहां 80 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है। कृषि मंत्री श्री चौबे ने ऐसे जिलों में बीज एवं उर्वरक के भण्डारण और वितरण पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

श्री चौबे ने कहा है कि राज्य में किसी भी प्रकार के आदान सामग्रियों में कमी न हो इसके लिए कृषि एवं संबंधित विभागों के मैदानी अमले फिल्ड की लगातार निगरानी करें और तत्काल आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।



कृषि मंत्री ने अवर्षा से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विभाग द्वारा तैयार आकस्मिक कार्ययोजना के अनुसार दलहन-तिलहन एवं कम वर्षा की धान किस्मों की व्यवस्था करने के लिए कृषि एवं बीज निगम के संचालक को निर्देशित किया।

कृषि मंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर को भी छत्तीसगढ़ के आवश्यकतानुसार समसामयिक तकनीकी सलाह जारी करने कहा है। उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों और मैदानी अमलें को भी नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में चौपाल, गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन करने तथा कृषि संबंधी तकनीकी सलाह देने के निर्देश दिए हैं।

कृषि मंत्री ने उद्यानिकी विभाग को बाड़ी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत कृषकों को बीज, खाद इत्यादी की व्यवस्था तत्काल कराने के निर्देश दिए तथा कृषकों से सत्सम्पर्क बनाए रखने के लिए कहा। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया है कि गौशाला, गौठान इत्यादि का सतत् निरीक्षण करते हुए समुचित प्रबंध करें तथा मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए वृहद टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाए।


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श्री चौबे ने वर्षा की कमी के कारण दुर्ग, राजनांदगांव एवं बलरामपुर जिले में मत्स्य बीज उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की बात कही। कृषि मंत्री ने बैठक में राज्य में बोवाई कार्य के साथ-साथ कृषि कार्यों की स्थिति की जानकारी ली।

बैठक में बताया गया कि मैदानी अमलों के आंकलन के आधार पर अभी तक राज्य में बोता धान का क्षेत्राच्छादन लगभग 80 प्रतिशत हो चुका है। धान रोपाई का कार्य अभी प्रारंभ हुआ है तथा एक सप्ताह बाद इस कार्य में तेजी आएगी। 15 जुलाई की स्थिति में राज्य के कुल क्षेत्राच्छादन का लगभग 50 प्रतिशत हुआ है जो गत वर्ष इसी अवधि के क्षेत्राच्छादन से 9 प्रतिशत कम है।

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