पेंशन के लिए बेटों ने मां का पांच महीनों तक नहीं किया अंतिम संस्कार, घर में ही छुपा रखा शव

वाराणसी। पैसों के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। मां को भी बच्चों ने नहीं बख्शा। वाराणसी में चार बेटों और एक बेटी ने मां के निधन के बाद भी शव का अंतिम संस्कार पांच महीने तक सिर्फ इसलिए नहीं किया ताकि पेंशन मिलती रहे। यह घटना भेलूपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कबीरनगर की है।
मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तीन बेटों को हिरासत में लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पांच महीने पुरानी लाश की दुर्गंध जब पड़ोस में फैली तब उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। जांच के बाद पता चला कि कलयुगी बेटों ने मां के साथ ऐसा किया है। जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि दुर्गंध आवास विकास कॉलोनी के फ्लैट संख्या 27/2 से आ रही है।
घर में घुसने के बाद पुलिस महीनों पुराना शव देखकर भौचक्की रह गई। कस्टम विभाग में सुपरिटेंडेंट रहे दया प्रकाश अपने बेटों रवि, ज्योति, गिरीश, योगेश्वर और एक अविवाहित बेटी विजय लक्ष्मी के साथ रहते थे। वर्ष 2000 में दया प्रकाश का निधन हो गया। उसके बाद उनकी पेंशन 13 हजार रुपए उनकी पत्नि अमरावती को मिलने लगी। इस साल 13 जनवरी को अमरावती की भी मौत हो गई, जिसके बाद बेटों ने शव का अंतिम संस्कार करने की जगह उसे घर में ही छिपाकर रख दिया। इसका पीछे मंशा थी कि उनकी पेंशन मिलती रहे।
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