रायपुर। कांग्रेस ने कहा है कि रमन सिंह के मन में चुनाव में हारने का डर इस कदर हावी हो गया है कि वे आम नागरिक और कांग्रेस पार्टी के बीच फर्क नहीं कर पा रहे हैं। वे इस डर में सवाल पूछने वाले हर व्यक्ति को अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी की तरह ही देख रहे हैं। विकास यात्रा के राजनीतिक दुरुपयोग के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। एक तो इसे सरकार ने प्रचारित किया कि याचिका खारिज हो गई, जबकि यह सच नहीं है। सच यह है कि अब मामले की सुनवाई अवकाश पश्चात् खंडपीठ में होगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि तथ्य यह भी है कि यह जनहित याचिका डॉ. अजीत डेग्वेकर की ओर से एक आम नागरिक की हैसियत से लगाई गई थी। डॉ. डेग्वेकर राज्य के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं और वे जनहित के बहुत से मामलों में अदालत का दरवाजा खटखटाते रहे हैं।
उनकी याचिका को कांग्रेस की याचिका कहना या तो मुख्यमंत्री की अज्ञानता है या फिर वे डर के मारे सच को देख नहीं पा रहे हैं। बयान में कहा गया है कि डॉ. डेग्वेकर ने अपनी याचिका में कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का सरकारी विज्ञापन संबंधी दिशा-निर्देश निराकरण यात्रा कार्यक्रम को भी कवर करता है क्योंकि यह सरकार के द्वारा अपनी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिये किये जाने वाला कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का पूरा खर्च जनता के पैसे से किया जा रहा है। अत: इसमें किसी एक राजनैतिक दल को प्रमुखता नहीं दी जा सकती। याचिका में 12 मई से 18 मई के बीच के विकास यात्रा कार्यक्रमों के फोटोग्राफ्स और समाचार पत्र की कटिंग प्रस्तुत की गई है जिससे यह साबित होता है कि विकास यात्रा कार्यक्रम पर पूरी तरह भाजपा ने कब्जा कर रखा है। गत दिनों बलरामपुर में विकास यात्रा के कार्यक्रम में भाजपा के झंडे जब्त करने की ख़बर आई थी जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता धरने पर भी बैठ गए थे।
कांग्रेस ने कहा है कि रमन सिंह को यह जनता को बताना चाहिए कि वे किस हक से जनता के पैसों से भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। उन्हें यह हक है कि वे सरकार के कार्यों का प्रचार करें लेकिन मंच पर भाजपा के चुनाव चिन्ह लगाने, भाजपा के अध्यक्ष और दूसरे पदाधिकारियों को जगह देने और भाजपा के नारे लगाने का हक उन्हें नहीं है। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि क्यों विकास यात्रा का सभा स्थल भाजपा के सम्मेलन की तरह दिखता है? जनता के खून पसीने की कमाई से टैक्स के रूप में सरकार के खजाने में जो पैसा जमा होता है, उसका उपयोग भाजपा के प्रचार के लिए करना न केवल बेईमानी है बल्कि राज्य की जनता के साथ अन्याय भी है। कांग्रेस ने कहा है कि रमन सिंह में अगर नैतिकता है तो वे अपना चुनाव प्रचार पार्टी के खर्चे से करें और जनता का पैसा गरीबों के हित में कार्यक्रमों के लिए छोड़ दें।
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