रायपुर। शिक्षाकर्मी संघ का कहना है कि हम हमेशा शिक्षाकर्मियों के समस्याओं के सकारात्मक ढंग से समाधान के पक्षधर रहे हैं और हमने अनेक आंदोलन शून्य किए सिर्फ सीएम रमन सिंह पर भरोसा करके। मुख्यमंत्री का आज का बयान का हम स्वागत करते हैं, लेकिन 3 की जगह 6 माह बितने पर भी शिक्षाकर्मी चिंताग्रस्त है। अत: मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि अविलंब शिक्षाकर्मियों के संबंध में घोषणा की जाए तथा घोषणा का क्रियान्वयन बिना किसी देरी के हो, ताकि नए शिक्षा सत्र के शुरु होने के पहले ही सभी शिक्षाकर्मी एक पूर्ण शिक्षक के रूप में विद्यालय जा सके। सीएम ने गुरुवार कहा है कि शिक्षाकर्मियों के संबंध में निर्णय ले लिया गया है और जल्द ही मुख्य सचिव उनसे बात करेंगे।
प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने कहा कि संविलियन ही शिक्षाकर्मियों की समस्याओं का स्थायी और समग्र समाधान है। ठोस पहल से ही समस्याएं समाप्त होंगी। अनावश्यक विलम्ब ही आक्रोश का कारण है, जल्द निर्णय ही समाधान है। इस संबंध में प्रांतीय उपसंचालक धर्मेश शर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों का संविलियन ही राज्य में शिक्षा के विकास की नई गाथा लिखेगा, इसके बिना समुचित विकास की कल्पना निर्रथक है। अस्थायी संवर्गवाद की समाप्ति से प्रदेश के युवाओं के लिये सुरक्षित और आकर्षक कैरियर का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री के वादे की ओर एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मी और 9 लाख उनके परिवारजन टकटकी लगाए हैं की जल्द ही संविलियन होगा।
उपसंचालक, जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों का संविलियन ही छग में शिक्षा के विकास की नई गाथा लिखेगा, इसके बिना समुचित विकास की कल्पना निर्रथक। अस्थायी सँवर्गवाद की समाप्ति से प्रदेश के युवाओं के लिये सुरक्षित और आकर्षक कैरियर का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री जी के वादे की ओर 180000 शिक्षाकर्मियों और 9 लाख उनके परिवारजन टकटकी लगाए हैं की जल्द ही संविलियन हो।
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