यूपी पुलिस द्वारा की जा रही उगाही का सूबत सोशल मीडिया पर चल रहा है। एक वाट्सएप मैसेजे से इस मामले का खुलासा हुआ है कि कौन कितना पैसा देता है और कौन कितना पैसा लेता है। यूपी पुलिस के एक सिपाही ने डीजीपी ऑफिस को भेजे व्हाट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट ने सारा भांठाफोड़ दिया है, जिसके बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मामला सामने आने के बाद एसएसपी ने 16 लोगों की एसओजी टीम को लाइन हाजिर कर दिया है।
मामले का खुलासा तब हुआ जब उगाही के पैसों के बंटवारे को लेकर दो सिपाहियों में जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद एसओजी के सिपाही ने डीजीपी को अवैध उगाही की पूरी लिस्ट भेज दी। डीजीपी के पास लिस्ट पहुंचने के बाद जिला पुलिस में अफरा-तफरी मच गई। वाट्सएप मिलने के बाद एसएसपी गौतम बुद्ध नगर डॉ. अजय पाल शर्मा ने जिले की एसओजी टीम को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश भी दे दिए है। एसओजी के सिपाही डीजीपी को अवैध वसूली का जो काला चिन्ह भेजा है उसमें नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक सरिया, सीमेंट और होटल मालिकों से मोटा पैसा वसूलने की जानकारी है। इस सूची में यह भी बताया गया है कि कहां से कितना पैसा, किससने कितना पैसा और कहां खर्च हुआ।
इतना ही नहीं, लिस्ट के मुताबिक पिछले दिनों हुए श्रवण नाम के बदमाश के एनकाउंटर को मैनेज करने का रेट भी लिखा है। जिसके बाद एनकाउंटर पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। भेजी गई सूची में लिखा है कि 50 हजार उसे दिए गए हैं जिसने श्रवण वाला काम करवाया है। अभी उसे 50 हजार और देने हैं। इस वाट्सएप मैसेज को माने तो श्रवण एनकाउंटर को 1 लाख में फिक्स किया गया था। सूची में खर्चो का भी ब्यौरा है। जैसे पुलिस कर्मियों के टिकट पर कितना खर्च हुआ। इंस्पेक्टर को कितना हिस्सा दिया गया। यूपी पुलिस, एसएसपी पीआरओ, डीजीपी और एडीजी जोन मेरठ को एक नितिन नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। जिसमें एसओजी के सिपाही संजीव तेवतिया के व्हाट्सएप चाट के स्क्रीनशॉट्स का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि देखिये नोएडा की एसऔजी टीम कैसे वसूली कर रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि जिसने भी यह वाट्सएप किया है वह पुलिस विभाग का व्यक्ति है भी यह नहीं।
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