रायपुर। मां के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए पांच वर्षीय बेटी ने गवाही दी है। यह हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उस मामूम बच्ची का पिता है जिसने उसकी मां को मौत के घाट उतार दिया था। कोर्ट ने भी बेटी की गवाही और साक्ष्यों का अत्यंत सूक्ष्मता से विश्लेषण के बाद आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस तरह पिता के खिलाफ गवाही देकर अपनी मां की हत्या के आरोपी को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रायपुर जिला न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला के न्यायालय में मंगलवार को आरोपी अभियुक्त हरि पटेल को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा और एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियुक्त हरि पटेल ने पिछले साल 24 अप्रैल की आधी रात अपनी पत्नी निर्मला की हत्या कर दी थी। उस समय आरोपी की लगभग पांच साल की बेटी भी घटनास्थल पर मौजूद थी। घटना के समय अभियुक्त और मृतिका अपने रिश्तेदार के घर देवार बस्ती अंतर्गत थाना सरस्वती नगर रायपुर में रूके हुए थे और घटना के तीन दिन पहले से आरोपी और मृतिका का आपसी विवाद चल रहा था।
अभियोजन के प्रकरण के अनुसार अभियुक्त अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद घटनास्थल से भाग गया और आरोपी की बच्ची के घर के बाहर निकलकर रोने से घर के अन्य लोगोंं को घटना के बारे में पता चला। मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक आनंद मोहन ठाकुर, ने पैरवी की थी। घटना की एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी साक्षी मृतिका और आरोपी की पांच वर्षीय पुत्री थी जिसने न्यायालय में अपने पिता हरि पटेल द्वारा निर्मला की हत्या किए जाने का कथन किया। सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला ने बाल साक्षी के कथन तथा परिस्थितिजन्य साक्ष्य का अत्यंत सूक्ष्मता से विश्लेषण कर अभियुक्त हरि पटेल को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अभियुक्त हरि पटेल को सजा भुगतने के लिए केन्द्रीय जेल रायपुर भेज दिया गया।
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