नई दिल्ली। पानी की समस्या को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली में ग्राउंड वाटर की स्थिति काफी चिंताजनक और गंभीर है। पानी का स्तर इतना नीचे चला गया है कि हम राष्ट्रपति को भी पानी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थिति कितनी गंभीर है, हम ये समझ नहीं पा रहे हैं। ना ही कोई इसे गंभीरता से ले रहा है, भूमिगत जल का अत्याधिक दोहन हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि आप विश्वयुद्ध की बात छोड़ो, दिल्ली में पानी के लिए ही वॉर शुरू हो जाएगा। भूमिगत पानी को लेकर केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि दिल्ली में ग्राउंड वाटर की स्थिति काफी गंभीर है। यहां तक कि राष्ट्रपति भवन के पास भी पानी की कमी है और जल स्तर काफी नीचे है। कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली सरकार, वाटर रिसोर्स से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी।
कई राज्यों में पानी का संकट
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें पूरे देश में पानी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है। केंद्रीय भूजल बोर्ड आंकलन रिपोर्ट के अनुसार देश के 6 हजार 5 सौ 84 ब्लॉक में सर्वे करने पर पता चला कि इनमें से एक हजार 34 ब्लॉक में भूजल का जरूरत से ज्यादा दोहन हो चुका है राजस्थान में 248 ब्लॉक में से 66 फीसदी अतिशय दोहन वाले क्षेत्र के दायरे में हैं। इसके बाद दिल्ली में 56 फीसदी का स्थान है। देश में सिंचाई की जरूरत का 60 फीसदी हिस्सा, पेयजल जरूरत का 85 फीसदी हिस्सा और शहरी जल जरूरतों का करीब 50 फीसदी हिस्सा भूजल से आता है।
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