नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद शुरू किए गए 2000 रुपये के नोट की छपाई को रोक दिया है। सरकार का पूरा फोकस अब छोटी करेंसी नोटों को छापने पर है, क्योंकि लोगों के लिए यह काफी सुविधाजनक है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारत में 500, 200 और 100 रुपये मूल्य के नोट लेन-देन में लोगों को किसी तरह की टेंशन नहीं देता है और यही वजह है कि इनकी मांग भी बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय 2000 के 7 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन में हैं, जो कि पर्याप्त से अधिक हैं और इसलिए 2000 रुपये के नए नोट जारी नहीं किए जा रहे हैं। 500, 200 और 100 रुपये के नोट लोगों के बीच लेन-देन का माध्यम है। लोग 2000 रुपये के नोट को लेन-देन में बहुत सुविधाजनक नहीं मानते। 500 रुपये के नोटों की सप्लाइ पर्याप्त रूप से की जा रही है। हमने उत्पादन को प्रतिदिन 2,500-3000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है।
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