चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। बीते साल पड़े सूखे के कारण लोगों को दो-दो किलोमीटर दूर से पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है, वहीं ज्यादातर गांव में जो हैंडपंप है वो लाल पानी उगल रहे है, ऐसे में बच्चों के साथ लोग बीमार भी पड़ रहे है, परंतु जिला प्रशासन बीते डेढ़ माह से सिर्फ सीएम कार्यक्रम को लेकर व्यस्त था अब एक फिर 17 मई को चिरमिरी में सीएम के आने की संभावना को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुट गया, इधर गामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है।
गर्मी में जिले के कई पंचायत क्षेत्रों में जल संकट विकराल बनी हुई है। ऐसे क्षेत्रों के लोगों को काफी दूर से प्रतिदिन पेयजल के लिए सफर तय करना पड़ता है। जिसके लिए घर की महिलाएं सुबह शाम लंबी दूरी तय कर पेयजल प्राप्त कर रहे है वह भी शुद्ध पेयजल प्राप्त नही हो पा रहा है। कही नाले का गंदा पानी उपयोग किया जा रहा है तो कही ढोढी का पानी पी रहे है। कुछ जगहों के लोग छोटी नदी के किनारे गढ्ढा खोदकर पेयजल प्राप्त कर रहे है। इस तरह भीषण गर्मी में जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए परेशान होते देखा जा सकता है।
सोनहत के कई इलाके में गहराया पेयजल संकट
सोनहत क्षेत्र के दुरस्थ ग्राम सलगवांखुर्द, धनपुर, कुर्थी, आन्नदपुर, गोईनी ऐसे गांव है जो घनघोर जंगल के बीच घिरे है यहां तक पहुंचने के लिए भी सुगम साधन उपलब्ध नही है। परेशानी भरे रास्ते का सफर तय करने के बाद बडी मुश्किल से यहां पहुंचा जा सकता है। यही कारण है कि ऐसे क्षेत्रों में बहुत ही कम प्रशासनिक अधिकारी पहुंचते हैं अन्यथा महीनों बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी उनके गांव तक नही पहुंचता। ऐसे क्षेत्रों में यहां निवासरत लोगों की इस समय सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी को लेकर है। धनपुर में 8 हैंडपंप है, जिसमेंं दो बिगड़े है, जबकि 4 में से लाल पानी आता है। सलगवांखुर्द के साथ ऐसे कई गांव है जहां के लोगों को एक दो किमी दूरी तय कर प्रतिदिन पेयजल प्राप्त करना पड़ता है, वह भी गंदा पेयजल। जिसका लगातार सेवन करते रहने से बीमार होना तय है। यदि बीमार हुए तो इसके लिए भी लंबी दूरी कठिनाईयों के बीच से होकर अपने जनपद मुख्यालय तक पहुंचते हैं।
पंचायतों के पास आवश्यक संसाधन नही
कोरिया जिले में लगातार गिर रहे भू जल स्तर के बाद भी प्रशासन के द्वारा पंचायतों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध नही कराये है। पंचायतों में आवश्यक संसाधनों का अभाव होने के कारण पंचायत सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकता। जबकि शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय के द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए कोई सुविधा नही है। लगातार दूसरे वर्ष पडे सूखा के बाद भू जल स्तर नीचे चलता जा रहा है जिसके चलते पंचायत क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गर्मी में गहरा जा रही है। इसके बाद भी किसी तरह की प्रशासनिक व्यवस्था ऐसे क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए नही उपलब्ध कराया जा सका है। जिसके चलते लोगों केा स्वयं ही पेयजल की व्यवस्था करने में पसीने छूट रहे है और प्रतिदिन परेशान होना पड़ रहा है।
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