रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के पत्रकार बड़ी संख्या में 14 मई को एकत्रित होंगे और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे। विगत 3 मई को रायगढ़ में आयोजित धरना प्रदर्शन में 14 मई को राजधानी रायपुर में आंदोलन की सहमति बनी है। इसके लिए 7 तारीख को बैठक कर 14 मई के आंदोलन की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
प्रदेश भर से रायगढ़ में धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए पत्रकारों की एक राय थी पत्रकारिता के लिए स्वस्थ सुरक्षित माहौल के लिए अब पत्रकार सुरक्षा कानून अनिवार्य है क्योंकि आए दिन पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और फर्जी प्रकरण में फंसाए जाने के मामले सामने आ रहे है जिसमें पुलिस प्रशासन भी पत्रकारों का पक्ष लिए बिना एकतरफा कार्रवाई करती है जबकि पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने के पूर्व बड़े अधिकारियों से मामले की जांच का प्रावधान है। साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले पूर्व में हुए आंदोलन के पश्चात राज्य शासन द्वारा एक समन्वय समिति का गठन भी किया गया है।
समिति में गृह विभाग,जनसम्पर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समिति में तीन वरिष्ठ पत्रकार सदस्य है। इसके बावजूद पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के पूर्व पुलिस द्वारा कोताही बरती जा रही है जिसके चलते पत्रकारों को प्रताडि़त करने में प्रभावशाली लोग सफल होते है।
कानून सबके लिए बराबर है पर जनहित के लिए पत्रकारिता करने वाले साहसी पत्रकारों के खिलाफ साजिशन मामला बनाकर पत्रकारो को धमकाने और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है जिसके लिए अब पत्रकार एकजुट होकर फिर से मुखर हो गए है। इसी कड़ी में अब विभिन्न संगठनों के पत्रकार एकमंच में एकजुट होकर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में वृहद आंदोलन करने जा रहे है।
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