
बिलासपुर। एएसआई शैलेन सिंह और उनकी पत्नी शशी सिंह से एक नबालिग लड़की को जबरन घर में रखने, प्रताडऩा के मामले में केस दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मी बीजापुर के से दो साल पहले आदिवासी को काम और पढ़ाई कराने का हवाला देकर उसके घर से ले आया था। उसके बाद से लगातार वह उसे शारीरिक और मानसिक रुप से पताडि़त कर रहा था। मामले को खुलासा तब जब ने हेल्प लाइन पर इसकी शिकायत की गई है। इसके बाद सखी संगठन ने एएसआई के घर पहुंचकर लड़की को बचाने का प्रयास शुरु किया। जब संगठन के लोग वहां पहुंचे तो लड़की सहमी हुई बैठी थी। पुलिसकर्मी दरवाजा खोलने को भी तैयार नहीं था। उसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया, लेकिन उसके बाद भी आरोपी एएसआई ने दरवाजा नहीं खोला तो फिर उन्हें जबरदस्ती घर में घुसने की धमकी दी गई तब उन्होंने सभी को अंदर आने दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि लड़की की उम्र करीब 16 साल है
। किस्सा ऐसा है कि जब दो साल पहले शैलेन्द्र सिंह बीजापुर में थे तो उन्होंने वहां एक गरीब परिवार की बच्ची को बेहतर भविष्य देने और घरवालों को पैसे का लालच देकर बिलासपुर ले आए थे। आदिवासी लड़की वे मारते-पीटते भी थे और बाहर जाने की भी इजाजत नहीं थी। परिवार को लोग जब बाहर जाते तो ताला लगाकर जाते थे। यह सारी कहानी लड़की ने पुलिस के कप्तान के सामने बयां की है। एएसाई की पत्नी शशी सिंह शिक्षिका है और चकरभाठा में पदस्थ है वह भी लड़की के साथ मारपीट करती थी। 4 मई को सामाजिक कार्यकर्ता सिरगिट्टी थाने गये और एक आवेदन दिया था।
लड़की नहीं चाहती कार्रवाई
पुलिस इस मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। लड़की को घर से लाने के बाद वह अपनी विभाग के व्यक्ति को बचाने का प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है की लड़की कोई कार्रवाई नहीं चाहती। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता और आप पार्टी की प्रियंका शुक्ला ने बताया क िमामले को रफादफा करने का प्रयास किया जा रहा था। लड़की से भी मिलने नहीं दिया जा रहा था। केस की गंभीरता को देखते हुए हमने डीजीआईजी और एसपी से बात की तब कहीं जाकर लड़की से पुलिस वालों ने बात करने दिया।
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